सागर : अपने भक्तों को परेशानियों से छुटकारा दिलाने के लिए अजीबो-गरीब उपाय बताने वाले निर्मलजीत सिंह नरूला उर्फ निर्मल बाबा की खुद की परेशानी बढ़ती जा रही है. मध्य प्रदेश के सागर की बीना कोर्ट ने निर्मल बाबा के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया है. कोर्ट ने उन्हें 25 जून को पेश होने का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव को आदेश दिया है कि वो सभी प्राइवेट चैनलों पर निर्मल बाबा के थर्ड आई ऑफ निर्मल बाबा के कार्यक्रमों पर फौरन रोक लगाएं. अगले आदेश तक देश के टीवी चैनल फिलहाल विज्ञापन की कृपा बरसाने वाले निर्मल बाबा के कार्यक्रम प्रसारित नहीं कर पाएंगे.
कृपा का कारोबार करने वाले निर्मल बाबा पर ही कृपा रुकती हुई दिखाई दे रही है. निर्मल बाबा के तथाकथित कृपा के कारोबार पर कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए कहा है कि अगर एक साधारण मामूली व्यक्ति गांव, गली, चौराहे पर भीड़ इकट्ठा करके और हाथ हिलाकर लोगों से समोसे-रसगुल्ले खाकर और काला पर्स रखकर सभी प्रकार की परेशानियों को दूर करने का दावा करता है और लोगों से पैसे भी मांगता है तो शायद उसे वही भीड़ अथवा एक साधारण सिपाही मारपीट कर थाने में बंद कर सकता है और उस पर कानूनी शिकंजा भली-भांती लागू कराया जा सकता है. किंतु उपरोक्त आरोपी बाबा टीवी चैनल के माध्यम से एयरकंडीशन हॉल में बैठकर करोड़ों-अरबों का व्यवसाय करते हुए लोगों को मूर्ख और बेवकूफ बनाकर परिवादी जैसे लोगों के साथ छल करके धोखाधड़ी कर रहा है. तो क्या ऐसे व्यक्तियों के विरुद्ध हमारा अपलब्ध कानून कोई कार्रवाई नहीं कर सकता. यदि ऐसा किया गया तो निश्चित ही देश के आम नागरिक एक दूसरे से सवाल करेंगे कि क्या कानून सिर्फ गरीब और कमजोर व्यक्ति के खिलाफ लागू होने के लिए तैयार किया गया है.
यह याचिका बीना शहर के प्रेम विश्वकर्मा द्वारा दायर किया गया है. निर्मल बाबा के खिलाफ दायर इस मामले की सुनवाई करते हुये प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी आर. के. देवलिया ने कहा है कि बाबा निर्मल 25 जून को अदालत में उपस्थिति हों और अपना पक्ष रखे. इसके अलावा अदालत ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को निर्मल बाबा की पिछले दिनों विभिन्न टीवी चैनलों पर प्रसारित कार्यक्रमों के प्रसारण की रिकार्डिग भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. प्रेम विश्वकर्मा का आरोप है कि निर्मल बाबा के टीवी पर प्रसारित कार्यक्रमों में दिए गए निर्देश के अनुसार उसने काला पर्स खरीदा और उसमें अच्छे पैसे भी रखे. लेकिन इसका लाभ होने के बजाये उनका पर्स ही एक दिन नाली में गिर गया. जिससे प्रेम विश्वकर्मा को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा. अदालत ने प्रेम विश्वकर्मा की याचिका के आधार पर माना है कि ऐसे कार्यक्रमों से आवेदक को मानसिक पीड़ा होती है. इसे रोका जाना चाहिये. अदालत ने निर्मल बाबा के खिलाफ औषधियों, चमत्कारिक उपचार, आक्षेपनीय विज्ञापन अधिनियम 1954 की धारा 3, 4, 5 एवं 7 के तहत उक्त निर्देश दिए. निर्मल बाबा के खिलाफ वॉरंट जारी होने पर उनके वकील का कहना है कि ये कुछ लोगों या किसी संस्था की सोची समझी साजिश है जिसके तहत ये कदम उठाया गया है.
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