नई दिल्ली, 27 फरवरी। चुनावी मौसम आते ही क्षेत्रीय खबरिया चैनल डील करने पर उतर आए हैं। नेताओं और पार्टियों से डील ये कि पैकेज फाइनल करो, तभी खबर दिखाई जाएगी। अगर बात बन गई तो ठीक यानि पार्टी या नेता ने पैकेज मान लिया तो खबर प्रसारित कर दी जाएगी अन्यथा खबर नहीं दिखेगी। हरियाणा के एक क्षेत्रीय चैनल की तो 'हकीकत' आज सामने आ गई। इस चैनल ने पैकेज की डीलिंग के लिए दो नेताओं से संपर्क किया और जब बात नहीं बनी तो कवरेज के लिए भी टीम नहीं भेजी और खबर भी नहीं दिखाई।
ये दोनों नेता आज ही दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए। इनमें से एक पूर्व मंत्री एवं इंडिया बुल्स के चेयरमैन समीर गहलौत की मां कृष्णा गहलौत और दूसरा नाम है रमेश दलाल, जिन्होंने अपनी हरियाणा स्वतंत्र पार्टी का ही भाजपा में विलय कर दिया है। इन दोनों नेताओं की लाइव कवरेज के लिए यह डील पकाने की कोशिश की जा रही थी। यह चैनल हरियाणा का पहला क्षेत्रीय न्यूज चैनल है और आजकल खुद को नंबर वन की पायदान पर होने का लगातार दावा कर रहा है जबकि हकीकत यह है कि यह किसी भी रैंकिंग में नहीं है। क्या करें चैनल का मालिक जेल में है और पीछे से नौकर यह गुल खिला रहे हैं।
बेशक से अभी लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं हुई तो लेकिन हरियाणा के इस क्षेत्रीय न्यूज चैनल ने तो लोकसभा चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव तक का पूरा पैकेज तैयार कर पार्टी और नेताओं से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। दिल्ली के साउथ एक्स जैसे पाश इलाके से संचालित हो रहे इस चैनल की इस करतूत का थोड़ा बहुत आज यहां खुलासा कर रहा हूं। दरअसल हरियाणा की पूर्व मंत्री कृष्णा गहलौत, कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुई हैं, जबकि रमेश दलाल ने अपनी हरियाणा स्वतंत्र पार्टी का ही विलय भाजपा में कर दिया है। इन दोनों नेताओं के भाजपा में शामिल होने की खबरों के साथ ही हरियाणा का यह चैनल सक्रिय हो गया कि किसी तरह दोनों नेताओं को अपने पैकेज के जाल में फंसाया जाए। इसके लिए एक दिन पहले बाकायदा जाल फैलाया गया ताकि किसी तरह दोनों फंस जाए। दोनों नेताओं के नजदीकियों को लाइव कवरेज के पैकेज का महत्व समझाया गया। साथ ही यह दावा भी किया गया कि हरियाणा के दूसरे क्षेत्रीय चैनलों के दिल्ली स्थित संवाददाता भी उनके प्रभाव में हैं। इसलिए पैकेज फाइनल करने में ही समझदारी है। यह पैकेज दो लाख रूपए का था। यानि अगर फाइनल होता तो दो लाख रूपए के बदले चैनल की एक टीम भाजपा मुख्यालय भेजी जाती और फिर वहां 5-7 मिनट का लाइव कवरेज दिखा दिया जाता। दिखता भी या नहीं, पता नहीं। पर दोनों नेताओं के यहां से ना हो गई, ऐसे में चैनल की ओर से डील करने वाले इस डीलर ने धमकी दे डाली कि फिर तो न्यूज कवरेज के लिए भी टीम नहीं भेजी जाएगी। एक-दो और चैनल से भी न्यूज के लिए टीम न भेजने की गुहार लगाई गई। हुआ भी ऐसा ही। इस चैनल की कोई टीम वहां नहीं आई, जबकि हरियाणा के राजनीतिक हलकों में यह आज की सबसे बड़ी खबरों में से एक थी। हालांकि ज्यादातर क्षेत्रीय चैनलों ने अपनी टीम कवरेज के लिए भेजी और इस खबर को बेहतर ढंग से प्रसारित भी किया। पर इस चैनल की पोल खुल गई।
इस चैनल के संपादकीय विभाग की जिम्मेदारी आजकल दो मार्केटियर टाइप लोगों ने संभाल रखी है। इनकी योजना पूरे हरियाणा भर में अपना जाल फैलाकर ज्यादा से ज्यादा नेताओं और पार्टियों को अपने जाल में फंसाने की है। लाखों-करोड़ों का खेल यह दोनों खेलने की तैयारी में हैं। अब ये पता नहीं कि सारा माल चैनल के खाते में जाएगा या फिर इन दोनों की जेब में। हालांकि दूसरे चैनल भी कोई दूध के धुले नहीं हैं लेकिन अभी इस चैनल की पोल खुलनी शुरू हुई है। हो सकता है आने वाले दिनों में किसी और की खुले। इसलिए सावधान रहना, पता लगते ही धमाका होगा।
दीपक खोखर
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