मुंबई पर आतंकी हमलों की साजिश रचने वाले डेविड हेडली ने आतंकवादियों से कहा था कि बाल ठाकरे बहुत आसान निशाना हैं। हेडली ने 2008 में बांद्रा स्थित मातोश्री के आसपास भी छानबीन की थी। यह राजफ़ाश पत्रकार हुसैन जैदी ने अपनी जल्द प्रकाशित होने वाली किताब 'हेडली ऐंड आई' में किया है।
जैदी की किताब महेश भट्टे के बेटे राहुल भट्ट और लश्कर के आतंकवादी डेविड हेडली की दोस्ती पर आधारित है। मुंबई में आतंकी हमलों के लिए निशानदेही करने आए हेडली के मित्र रहे हैं। अपनी किताब में जैदी ने विस्तार से बताया है कि हेडली ने शिव सैनिक और जिम इंस्ट्रक्टर विलास की मदद से बाल ठाकरे के घर मातोश्री की पूरी छानबीन की थी।
पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी हेडली दक्षिण मुंबई के एक जिम में अक्सर आता-जाता था। यहीं उसकी मुलाकात राहुल भट्ट और विलास से हुई थी। जैदी ने लिखा है कि हेडली ने मातोश्री की भारी सुरक्षा में कई खामियां खोज ली थीं।
जैदी की यह किताब हफ्ते भर में बाजार में आ जाएगी। इसके बारे में पीटीआई से बात करते हुए जैदी ने बताया कि किताब में हेडली के वे बयान भी हैं जो उसने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को शिकागो में दिए थे। जैदी बताते हैं कि हेडली ने ठाकरे का फैन होने के बहाने 15 मिनट तक मातोश्री में तस्वीरें खींची थीं।
मातोश्री घूमने के बाद हेडली ने राहुल भट्ट से कहा था कि बाल ठाकरे बहुत आसान निशाना है। हेडली ने कहा, "थोड़े से जुनूनी लोग आराम से सुरक्षा भेद कर ठाकरे तक पहुंच सकते हैं। मुझे समझ नहीं आया कि पुलिस उस सुरक्षा व्यवस्था पर इतना गर्व क्यों करती है।"
2008 में पाकिस्तान के इस्लामाबाद में होटल मेरियट पर हमले की खबर को देखते हुए उसने राहुल से कहा था कि तुम देखना एक दिन मुंबई पर भी ऐसा ही हमला होगा।
सुरक्षा से संबंधित मुद्दों में इतनी रुचि दिखाने वाले हेडली के इरादों से राहुल आखिर वक्त तक अंजान थे। 10 नवंबर, 2008 यानी मुंबई हमले से 16 दिन पहले उसने सेटेलाइट फोन की मार्फत राहुल से संपर्क किया। फोन पर उसने राहुल को हिदायत दी थी कि वह कुछ दिनों तक दक्षिण मुंबई की तरफ न जाए।
26/11 के बाद दिसंबर महीने में उसने राहुल को फिर से फोन कर उसके व उसके परिवार के सुरक्षित होने की जानकारी ली और यह भी बताया कि उसे हमले के बारे में पहले से जानकारी थी।
हेडली ने लाहौर में गोल्फ खेलने का प्रशिक्षण लिया था। इस बहाने उसने महालक्ष्मी स्थित विलिंगटन गोल्फ क्लब के कई चक्कर लगाए। हमले की जांच शुरू होने के बाद फोन काल्स की जानकारी मिलते ही राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) ने राहुल को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था।
मातोश्री के बाद हेडली दादर स्थित शिवसेना मुख्यालय शिवसेना भवन भी गया। उसने वहां मौजूद जनसंपर्क अधिकारी राजाराम रेगे से मुलाकात की थी। रेगे ने हेडली के साथ मिलकर कारोबार करने की योजना भी बनाई थी। इसे लेकर दोनों ने एक-दूसरे को कई ई-मेल भेजे थे।
दहशतवाद फैलाने के अपने मिशन को कामयाब बनाने के लिए हेडली महानगर के सिद्धिविनायक मंदिर भी गया था। तब राहुल और विलास भी उसके साथ मौजूद थे। उसने मंदिर से कुछ धागे भी खरीदे। उसमें से एक धागा मुंबई हमले के समय पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब की कलाई पर भी बंधा हुआ देखा गया था। इस दौरान राहुल और हेडली के बीच अच्छे संबंध बन गए थे। (एजेंसियां)