Tara Shanker : इतनी बेहतरीन मूवी बनाने के लिए एक दिली सलाम बनता है आपको इम्तियाज़ अली! अपने ही घर में किसी लड़की को क्यूँ घुटन हो सकती है? क्यूँ चाहिए उसे बेख़ौफ़ आज़ादी? प्रकृति के पास जाकर क्यूँ किसी को सबसे अधिक सुकून मिलता है? क्यों कोई वीरा अपने घर में इतना घुटन महसूस करती है कि अपने किडनैप होने को भी वो आज़ादी के मानिंद देखती है?
इन सब सवालों के जवाब के लिए HIGHWAY ज़रूर देखें! ज़रूर देखें इसलिए कि समाज में तह तक पसरी चाइल्ड अब्यूज की समस्या को इससे बेहतर पेश करना बहुत मुश्किल है! इम्तियाज़ को इस बात के लिए भी सलाम बनता है कि जिस वीरा के इर्द-गिर्द पूरी मूवी बुनी गयी है उस किरदार के लिए आलिया भट्ट जैसी नयी एक्टर को लेकर किरदार के साथ बाकायदा न्याय करने की हिम्मत दिखाई है! मूवी का अंत जितना बेजोड़ हो सकता है, उतना है! एक भी सीन ऐसा नहीं जो अपनी जगह दुरुस्त न हो! सिनेमेटोग्राफी उम्दा है….संगीत प्रिय है! रणदीप हुडा कम से कम बोलकर अधिक से अधिक प्रभावित कर गए! आलिया की बिना मेकअप बेहतरीन अदाकारी! पांच में से पांचो स्टार! मतलब ये मूवी नहीं देखी तो क्या देखी!
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Abhishek Srivastava : देख आइए मित्रों Highway … खूबसूरत फिल्म है। पैसा वसूल। Highway का सबसे बढि़या और सटीक रिव्यू… http://www.rediff.com/movies/review/review-an-extraordinary-alia-on-a-dream-highway/20140221.htm
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Mohammad Anas : फिल्म Highway को नहीं देखा तो क्या देखा!
जेएनयू के शोध छात्र तारा शंकर, पत्रकार अभिषेक श्रीवास्तव और सोशल एक्टिविस्ट मोहम्मद अनस के फेसबुक वॉल से.