पीलीभीत में हुए उर्स-ए-हशमती में हिन्दुस्तान भर के उलेमाओं और ज़ायरीनों ने शिरकत की. उर्स में एक लाख से ज्यादा की भीड़ जुटी. अमर उजाला और दैनिक जागरण अखबारों ने उर्स की अच्छी रिपोर्टिंग की पर हिन्दुस्तान अखबार ने उर्स की एक भी खबर नहीं छापी. दरगाह के लोगों ने फोन कर खबर न छापने की वजह हिन्दुस्तान अखबार के ब्यूरो चीफ से जाननी चाही. उनका का कहना था कि वे एलएच शुगर फैक्ट्री में पुलिस प्रशासन और मीडिया के बीच खेले जा रहे क्रिकेट मैच की कमेन्ट्री करने में व्यस्त हैं इसलिए उन्हे बाद में फोन किया जाए.
इस बात से गुस्साए लोगों ने पीलीभीत के बेले वाले चौराहे पर हिन्दुस्तान अखबार के विरोध में जम कर नारेबाजी की और उसकी चार सौ प्रतियां जलाईं. जिले भर के प्रिंट और इलैक्ट्रौलिक माडिया के सामने भी प्रेस-वार्ता कर विरोध जताया गया.
हिन्दुस्तान की प्रतियां जलाते लोग
सूत्रों के अनुसार बरेली की दरगाह-ए-आला-हजरत के यहां से हिन्दुस्तान अखबार के खिलाफ फ़तवा आ सकता है के जिले भर के सुन्नी उलेमा व दरगाह-ए-आला-हजरत को मानने वाले लोग न तो हिन्दुस्तान अखबार खरीदेंगे और न पढ़ेगें.
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित