फरीदाबाद: सूरजकुंड मेले में प्रशिक्षु महिला आईएएस अधिकारी की पत्रकारों के साथ की गई रोक-टोक से रविवार को मीडिया सेंटर पर बवाल हो गया। महिला अधिकारी ने मीडिया सेंटर के एंट्री गेट पर पहुंचकर कुछ पत्रकारों पर टीका-टिप्पणी करने लगीं इससे विवाद बढ़ा और मामला फोर्स बुलाने तक पहुंच गया। महिला अधिकारी के अव्यवहारिक बर्ताव ने पत्रकारों को ही नही, बल्कि डीएसपी, इन्सपैक्टर एंव डीआईपीआरओ जैसे अधिकारियों को भी उनकी हद दिखा दी। प्रत्यक्षदर्शियों ने महिला आईएएस अधिकारी के बर्ताव और पत्रकारों के लिए फुहड़ भाषा के प्रयोग करने पर रोष प्रकट किया। महिला अधिकारी के उग्र रूप से मीडियाकर्मियों को काफी अघात पंहुचा।
पत्रकारों से उलझतीं महिला आईएएस अधिकारी
जब डीएसपी ओमप्रकाश अपने परिवार के साथ एंट्री गेट पर पहुंचे तो महिला आईएएस अधिकारी ने पास से एंट्री का फरमान सुना दिया। डीएसपी अपने परिवार को लेकर वापिस चले गए और पास लेकर एंट्री कर पाए। पत्रकारों के साथ चले विवाद में लोक संपर्क विभाग के अधिकारी आईएस अधिकारी को समझाने पहुंचे तो अधिकारी ने फटकार लगाते हुए उन्हें भी पास से परिवारों को एंट्री कराने का फरमान सुना दिया। इतना ही नहीं, डीआईपीआरओ को तो गर्मा-गर्मी के समय फोन पर बात करना इतना मंहगा पड़ा कि महिला अधिकारी ने पत्रकारों का गुस्सा डीआईपीआरओ पर निकालते हुए उन्हे जमकर फटकार लगाई।
करीब आधे घण्टे की चली बहस में महिला आईएस अधिकारी ने पत्रकारों को नियमों का पाठ पढ़ाया। वहीं, पत्रकारों ने अधिकारी को नियम बताते हुए कहा कि मीडिया सेंटर हमारा है और पार्किंग हमारी है, फिर इसमें पर्टयन विभाग के अधिकारी और उनकी गाड़ियां क्या कर रही है? पत्रकारों ने उक्त महिला अधिकारी को उनकी हद बताते हुए यह भी कहा कि यह मेला हमारा है, इसकी मेजबानी हम कर रहे है और हम अपने मेहमानों की बेइज्जती बर्दाश्त नही करेंगे। पत्रकारों ने पर्यटन विभाग की कारगुजारियों को भी याद दिलाया कि कैसे मेला ग्राउंड की चौपाल के अलावा वहां राजहंस होटल में अधिकारियों की एक ौर चौपाल भी सजती है। बवाल के दौरान मामला जब पर्यटन विभाग का गूंजने लगा तो महिला अधिकारी के सहयोगी पर्यटन अधिकारियों ने उन्हें काबू कर वहां से हटाने की कोशिश की। लेकिन नई आईएएस अधिकारी का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच चुका था उन्होनें धमकाया कि अब पत्रकारों को पुलिस फोर्स से ही काबू में किया जाएगा। इस पर पत्रकारों ने कहा कि हम कोई आतंकवादी नही हैं कि हमारा कि पुलिस द्वारा हमारा दमन कराया जाए।
पत्रकारों से बहस के बाद गुस्सा शांत होने पर महिला आईएएस अधिकारी को याद आया कि सोमवार के अखबार में मेले व पर्यटन विभाग की अव्यस्था और उनके र्दुव्यहार की पोल खुल सकती है और उच्च अधिकारियों द्वारा मामले को संज्ञान में लिया जा सकता है। शायद इसी कारण उच्च अधिकारियों के साथ मीडिया सेंटर पंहुच कर उन्होनें पत्रकारों को सफाई देते हुए माफी मांगना उचित समझा। पत्रकारों ने अधिकारी के माफी मांगने पर माफ कर दिया। पत्रकारों ने कहा कि मेले को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पंहुचाने में फरीदाबाद की जनता, पुलिस प्रशासन के साथ पत्रकारों ने अहम भूमिका निभाई है। वे आगे भी के साथ अपना योगदान देते रहेंगे।