Amit Tripathi : इस लड़की के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने का केस क्यों दर्ज नहीं होना चाहिए? बड़ा अधिकारी बनने की 'दृढ़ इच्छाशक्ति' के साथ 23 वर्षीय मैडम ने Rajasthan Civil Services Appellate Tribunal के चेयरमैन से दोस्ती गांठी… वरिष्ठ IAS ने मैडम को शॉर्ट कट के जरिए अधिकारी बनाने का वादा किया… बदले में मोहतरमा ने उदयपुर, गोआ, चेन्नई और भरतपुर के होटलों के अलावा IAS के फ्लैट में उन्हें अपनी 'सेवाएं' अर्पित कीं…
लेकिन सालभर के घनघोर 'परिश्रम' के बावजूद जब मनमाफिक रिजल्ट नहीं आया तो 23 वर्षीय कन्या ने बलात्कार का केस दर्ज करा दिया…. लेकिन ये मैडम किस एंगल से 'बलात्कार पीड़ित' हैं? वर्षों कड़ी मेहनत करने वाले स्टूडेंट्स के अधिकारों पर डाका डालने की साजिश रची, फरेब का जाल बुना, सौदेबाजी की.. काम हो जाता तो सब अच्छा लगता, नहीं हुआ तो 'शोषण' का आरोप? अगर होटलों में 'इंटरव्यू' देने वाली ऐसी लड़कियों-महिलाओं को पीड़ित माना जाता रहेगा, तो उन लड़कियों को नौकरी कौन देना चाहेगा, जो अपनी काबिलियत के दम पर परीक्षा पास करके नौकरी करना चाहती हैं? बेहतर होता अगर 'मैडम' और आरोपी IAS दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश रचने का केस दर्ज करके कानूनी कार्यवाही की जाती… ऐसा होगा नहीं, इसलिए 'शॉर्टकट' अपनाने वालों की संख्या बढ़नी तय है…
अमित त्रिपाठी के फेसबुक वॉल से.