भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली मुख्य परिसर में पिछले 25 वर्षों से छात्रों को छात्रावास से वंचित किए जाने के मुद्दे पर संस्थान के 2013-14 के नव-प्रवेशी छात्रों और पूर्व छात्रों की एक अहम बैठक 15 सितंबर (रविवार) कनॉट प्लेस स्थित इंडियन कॉफी हाउस में संपन्न हुई.
इस बैठक में सत्र 2013-14 के छात्र अमित, वेनसॉन सोरेल, विष्णु नारायण सिंह, ओम प्रकाश धीरज, रमेश कुमार के अलावा सत्र 2010-11 के छात्र केशव कुमार और देवेश खंडेलवाल, सत्र-2012-13 के छात्र राहुल यादव, शेखर सुमन सिन्हा, 2011-12 के छात्र अखिलेश कुमार और सत्र 2007-08 के छात्र अवनीश राय और अभिषेक रंजन सिंह ने हिस्सा लिया.
इस बैठक में "छात्रावास आपका अधिकार है" के तहत पिछले 17 फरवरी से छात्रावास की दिशा में किए गए प्रयासों की समीक्षा की गई. आज की बैठक में मुख्य रूप से भारतीय जनसंचार संस्थान में छात्रावास की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन की योजना और उसकी तैयारी पर विस्तृत चर्चा की गई. बैठक में शामिल राहुल आनंद ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय जनसंचार संस्थान के आला अधिकारी छात्रों की इस समस्या के प्रति गंभीर नहीं हैं, ऐसे में छात्रों के पास अनशन ही एक विकल्प रह गया है, क्योंकि छात्रों को छात्रावास की सुविधा मुहैया हो, इस बाबत सुनित टंडन, महानिदेशक, आईआईएमसी को पूर्व में भी कई ज्ञापन सौंपे जा चुके हैं, लेकिन उन्होंने इस मामले में कोई गंभीरता नहीं दिखाई है.
शेखर सुमन ने भी राहुल की बात का समर्थन करते हुए लोकतांत्रिक तरीक़े से संघर्ष करने का सुझाव दिया. वहीं इस मौक़े पर देवेश खंडेलवाल ने कहा कि, छात्रावास की मांग काफी पुरानी है, लेकिन संस्थान के अधिकारियो ने इस मांग पर हमेशा नकारात्मक रवैया ही अपनाया है. उन्होंने आईआईएमसी के नए छात्रों से अपील करते हुए कहा कि छात्रावास की मांग में उनकी भागीदारी काफी महत्वपूर्ण है. वहीं वेनसॉन सोरेल के मुताबिक़, छात्रावास की मांग को लेकर छात्रों को जागरूक करने की आवश्यकता है. उन्होंने सुझाव दिया कि भारतीय जनसंचार संस्थान में शीघ्र ही हिंदी पखवाड़ा संपन्न होने वाला है, लिहाज़ा छात्र इस मौक़े पर आयोजित होने वाले सांस्कृतिक समारोह में छात्रावास के अभाव में छात्रों को होने वाली परेशानियों पर केंद्रित नाटक का मंचन किया जाए. उनके सुझाव का ओम प्रकाश धीरज, रमेश कुमार और विष्णु नारायण सिंह समेत सभी पूर्व छात्रों ने स्वागत किया.
सत्र-2013 के छात्र रमेश कुमार ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा- " मैं बेहद साधारण परिवार से हूं और दिल्ली के अंबेडकर कैंप (त्रिलाकपुरी) की झुग्गी में रहता हूं. भारतीय जनसंचार संस्थान तथाकथित तौर पर भारत का सबसे प्रतिष्ठित पत्रकारिता प्रशिक्षण संस्थान है, लेकिन हम जैसे ग़रीब छात्र जो मलिन बस्ती में रहते हैं, उनके लिए महंगे किराए के मकानों में रहना संभव नहीं है" रमेश कुमार के अनुसार, भारतीय जनसंचार संस्थान के अधिकारियों को हम जैसे छात्रों की हालत पर विचार करना चाहिए और उन्हें छात्रावास निर्माण की प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू करनी चाहिए. रमेश कुमार की इस व्यथा पर सभी मौजूदा-पूर्व छात्रों ने अपनी संवेदना प्रकट की. इस मौक़े पर कपिल शर्मा ने सुझाव दिया कि रमेश कुमार जैसे छात्रों की पीड़ा से सभी लोगों को अवगत कराना चाहिए और इस बाबात समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में रिपोर्ट लिखनी चाहिए.
प्रस्तावित अनशन के विषय में ओम प्रकाश धीरज ने कहा कि “ इसे लेकर सबसे पहले हिंदी पत्रकारिता, अंग्रेजी पत्रकारिता, रेडियो एवं टेलीविजन पत्रकारिता और विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के नव प्रवेशी छात्रों से वार्ता कर उन्हें जागरूक करना चाहिए” उन्होंने खुशी ज़ाहिर करते हुए कहा कि छात्रावास के मसले पर सत्र-2013-14 के छात्र काफी संवेदनशील हैं और वे वर्षों से जारी इस ग़ैर-बराबरी के ख़िलाफ़ अनशन करने को तैयार हैं. उन्होंने बैठक में शामिल सभी मौजूदा-पूर्व छात्रों को बताया कि शीघ्र ही नए छात्रों से सलाह-मशविरा कर अनशन की संभावित तारीख़ मुकर्रर की जाएगी. ग़ौरतलब है कि छात्रावास के मुद्दे पर प्रस्तावित यह अनशन भारतीय जनसंचार संस्थान परिसर में ही किया जाएगा. इस बाबत संस्थान के महानिदेशक को ईमेल और पत्र के जरिए लिखित जानकारी दे दी जाएगी.
बैठक में शामिल अखिलेश कुमार ने भारतीय जनसंचार संस्थान के अव्यवहारिक शिक्षण शुल्क पर निराशा ज़ाहिर करते हुए कहा कि संस्थान के आला अधिकारियों को न्यूनतम फीस रखनी चाहिए, क्योंकि आईआईएमसी एक स्वायत सरकारी संस्थान है. उन्होंने प्रवेश परीक्षा के नाम पर हर साल की जाने वाली फीस बढोत्तरी पर भी निराशा जाहिर की। बैठक में शामिल सभी छात्रों ने उनके इस सुझाव का समर्थन किया. उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व हुई बैठक में संस्थान के छात्र रहे सरोज कुमार ने भी छात्रावास समेत शिक्षण शुल्क के असंगत निर्धारण पर चिंता जाहिर की थी.
संस्थान के पूर्व छात्र केशव कुमार ने शैक्षणिक संस्थानों में छात्रावास की अहमियत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह छात्रों का बुनियादी अधिकार है, इससे वंचित करना पूरी तरह अन्याय है. उन्होंने प्रस्तावित अनशन का समर्थन करते हुए कहा कि आईआईएमसी के लापरवाह अधिकारियों के लिए यह अनशन एक चेतावनी होगा.
वहीं इस मौके पर भारतीय जनसंचार संस्थान के पूर्व छात्र अभिषेक रंजन सिंह ने कहा कि पिछले ढ़ाई दशकों से छात्रों को छात्रावास के नाम पर सब्ज़बाग दिखाया जा रहा है, लेकिन अब आईआईएमसी के छात्र किसी धोखे में आने वाले नहीं हैं. साथ ही उन्होंने ओम प्रकाश धीरज और विष्णु नारायण सिंह की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि छात्रावास के मसले पर होने वाली हर बैठक अब 15 दिनों के अंतराल पर की जाएगी और यह बैठक भारतीय जनसंचार संस्थान परिसर में ही आयोजित होगी. लिहाज़ा आगामी बैठक 30 सितंबर, सोमवार शाम 5 बजे आईआईएमसी कैंपस में करने का निर्णय लिया गया. बैठक का समापन छात्रावास की मांग से प्रेरित होकर लिखी गई कविता “ जागो नौजवानों” के सामूहिक पाठ के साथ संपन्न हुआ.
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