नई दिल्ली। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार कई स्तरों पर काम कर रही है। इसके लिए केंद्र में पर्यटन मंत्रालय भी बना हुआ है। देश की ऐतिहासिक विरासतों और यहां की संस्कृति की जानकारी दुनियाभर में फैले, इसके लिए पर्यटन मंत्रालय द्वारा पांच बड़े शहरों में भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबंध संस्थान (आईआईटीटीएम) चलाए जा रहे हैं। इनमें छात्रों को टूरिज्म और मैनेजमेंट की शिक्षा दी जाती है। लेकिन, इन संस्थानों में से कई ऐसे हैं, जहां प्लेसमेंट सेल ठीक तरह से काम नहीं कर रहा है। इसका खामियाजा यहां से पढ़ाई करने वालों को उठाना पड़ रहा है। अब ये छात्र दिल्ली में चाय, मूंगफली बेचकर, कोरियर बॉय व कॉल सेंटर आदि में काम करके अपना गुजारा चला रहे हैं।
इन छात्रों का कहना है कि सरकारी संस्थान होने के बावजूद महंगी फीस देकर उन्होंने आईआईटीटीएम से शिक्षा ली है। लेकिन, बेहतर नौकरी नहीं होने के कारण उन्हें मजबूरन चाय बेचनी पड़ रही है। दर-दर की ठोकरे खाने के बाद शनिवार को ये छात्र आम आदमी पार्टी (आप) के केंद्रीय कार्यलय में अपनी गुहार लेकर पहुंचे। लेकिन, यहां भी उन्हें कुछ खास हाथ नहीं लगा।
कहा जाता है कि भारतीय पर्यटन उद्योग में टूरिस्ट गाइड का रोल देशी-विदेशी मेहमानों को भारतीय संस्कृति व विरासत की सही जानकारी देना है। तभी इन्हें भारतीय संस्कृति का एम्बेसडर भी कहा जाता है। लेकिन, आज के समय में यही ‘एम्बेसडर’ सड़कों पर प्रोफाइल के मुताबिक नौकरी की चाह में खाक छान रहा है। देश में पांच जगहों भुवनेश्वर, ग्वालियर, दिल्ली (नोएडा), नेल्लौर व गोवा में आईआईटीटीएम के संस्थान हैं। इनमें प्रवेश के लिए छात्रों को पहले एंट्रेस एग्जाम लेना होता था। लेकिन इस बार कैट, मेट, जेट व जी-मेट क्लियर करने वाले स्टूडेंट्स को ही एडमिशन मिला। भुवनेश्वर के आईआईटीटीएम कैंपस में प्लेसमेंट सेल की लापरवाही का खामियाजा यहां के छात्रों को उठाना पड़ रहा है। छात्रों का कहना है कि कोई भी बड़ी कंपनी संस्थान में कैंपस इंटरव्यू के लिए नहीं बुलाई गई। जबकि, निजी कॉलेजों में कंपनियों ने जाकर सैकड़ों बच्चों को रोजगार दिया है।
इन छात्रों का कहना है कि उन्होंने यहां से ‘टूरिज्म एंड ट्रैवल’ और ‘इंटरनेशनल बिजनेस’ का डिप्लोमा किया है। कुछ छात्रों ने तो लोन लेकर भी पढ़ाई की है। अब लोन चुकाना भारी हो रहा है। स्टूडेंट्स ने कहा कि पिछले साल उनके संस्थान में केंद्रीय पर्यटन मंत्री डॉ. के चिरंजीवी भी आए थे। उन्हें भी प्लेसमेंट से जुड़ी समस्याएं बताई गई थीं। उन्होंने भी बेहतर नौकरी का आश्वासन दिया। इसके बावजूद हालत में कोई फर्क नहीं पड़ा। जबकि, सरकार टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए हर साल करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। इसके साथ ही बॉलीवुड कलाकारों द्वारा भारतीय पर्यटन का प्रचार कराया जाता हैं।
पहले वोट दो, तब काम होगाः आम आदमी पार्टी (आप) के शासन और उसके क्रियाकलापों की चर्चा देश में खूब हो रही है। इसकी वजह से कोई भी फरियादी अपनी परेशानी लेकर ‘आप’ के दफ्तर पहुंच रहा है। शनिवार को आईआईटीटीएम के छात्र भी अपनी समस्याओं का हल खोजने के लिए ‘आप’ के कार्यालय पहुंचे। लेकिन, इन्हें यहां से कुछ खास प्राप्त नहीं हुआ। रिसेप्शन पर बैठे ‘आप’ के कार्यकर्ता ने कहा कि यह मामला तो केंद्र सरकार का है। इसमें ‘आप’ कुछ नहीं कर सकती। उन्होंने छात्रों से कहा कि पहले वो अपने साथियों को लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के पक्ष में वोट डालने के लिए प्रेरित करें। अगर, केंद्र में ‘आप’ की सरकार बन जाती है, तो आपका काम हो जाएगा।
लेखक सूरज सोलंकी से संपर्क ईमेल [email protected] पर किया जा सकता है।