दिल्ली प्रेस के मुखिया परेश नाथ द्वारा संचालित इलना(इंडियन लैंग्वेज न्यूजपेपर्स एसोसिएशन) के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष कुमार विजय उर्फ विजय कुमार गुप्ता को पुलिस ने एक प्लॉट पर अवैध कब्जे और बिल्डर से अवैध धन उगाही के आरोप में गिरफ्तार किया है। आउटर दिल्ली की पुलिस को इस शातिर की काफी समय से तलाश थी। कुमार विजय उर्फ विजय कुमार गुप्ता सेटेलाइट रिर्पोटर नाम से एक लोकल पेपर संचालित करता है। इस शातिर ने अपना अखबार भी जाली पते के नाम से पंजीकृत कराया है। अखबार में पता यूपी के भोपुरा का अंकित है, जबकि वह दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-24 में रहता है। एसएचओ राजेश कुमार ने प्रेसवार्ता में संवाददाताओं को बताया की यह आदमी खुद को वरिष्ठ पत्रकार बताकर इलाके के लोगों को धमकाता था। इसने दो शादियां की हैं, एक पत्नी गाजियाबाद में रहती है। लेकिन दोनों पत्नियों को यह बात पता नहीं थी।
आरोपी कुमार विजय पर धारा 420 के अलावा कई संगीन धाराएं लगाई गई हैं। वह इस समय तिहाड़ के जेल नंबर-4 में बंद है। इसके दो साथी अभी फरार है। इस शातिर के कारनामों की कहानी जब पुलिस से दिल्ली प्रेस के अध्यक्ष परेश नाथ को पता चली तो वह भी दंग रह गए। उन्होंने तुरंत इस आदमी से सारे संबंध तोड़ दिए और अपने दफ्तर में इसके घुसने पर पाबंदी लगा दी। मालूम हो कि दिल्ली प्रेस से जितनी भी प्रत्रिकाएं प्राकशित होती हैं उनका नेतृत्व परेश नाथ जी ही करते हैं। कुमार विजय उर्फ विजय कुमार गुप्ता अपने हर गलत धंधों में परेश नाथ का नाम लेता था, जबकि उनको किसी बात की भनक तक नहीं थी। एमसीडी कार्यालयों में इस आदमी का आतंक था। ये हर किसी की शिकायत करता था और आरटीआई का उपयोग ब्लैकमेलिंग के लिए करता था। मकसद सिर्फ पैसे की उगाही करना होता था। आरोपी ने अब तक कई लोगों को चूना लगाया है। पुलिस आरोपी से धीरे-धीरे सभी राज उगलवा रही है।
इंडियन लैंग्वेज न्यूजपेपर्स एसोसिएशन लघु अखबारों के हितों के लिए काम करती है। इसमें सैकड़ों लघु अखबारों के संपादक जुड़े हैं। लेकिन कुमार विजय ने संस्थान का जिस तरह से नाम बदनाम किया है उससे सभी सदस्य दंग हैं।
विमल
पीआरओ, इंडियन लैंग्वेज न्यूज़पेपर्स एसोसिएशन,
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