वे ट्रांसपैरेंसी के प्रबल पक्षधर हैं. साफ बोलना और साफ सुनना उन्हें बहुत अच्छा लगता है. चापलूसी, दिखावा और आडंबर से चिढ़ है. काम है तो वे पूरी रात और पूरे दिन जुटे रहेंगे. किसी वक्त काम नहीं हुआ तो वे पढ़ने और महसूस करने में खुद को झोंक देते हैं. उनके अंदर अपार उर्जा है. वे इसे आध्यात्मिकता से कनेक्ट करते हैं और वहीं से हासिल कर अपनी टीम के सदस्यों में थोड़ा थोड़ा बांट देते हैं. ये हैं निशांत चतुर्वेदी. न्यूज एक्सप्रेस चैनल के हेड.
निशांत ने पहली बार इतना बड़ा दायित्व संभाला है. टीम लीडर बने हैं. इसके पहले वे कई चैनलों में विभिन्न पदों पर रहे. उन्हें तेजतर्रार एंकर्स में शुमार किया जाता है. वे इंडीविजुवली बेस्ट परफारमर रहे हैं. वे दुनिया के कई हिस्सों में रिपोर्टिंग के मकसद से जा चुके हैं. कभी जापान तो कभी अमेरिका. कई तरह के गौरव भी उन्हें हासिल हैं. कम उम्र में उन्होंने पत्रकारिता के विविध रंग-रूपों को जिया, देखा, महसूस किया है. बतौर टीम टीम लीडर, उन्होंने न्यूज एक्सप्रेस में नई शुरुआत की है.
निशांत दिल्ली में ही पले-बढ़े और अपने दम पर पत्रकारिता में मुकाम हासिल किया. उन्होंने हिंदी टीवी जर्नलिज्म के बुरे पक्षों और बुरे लोगों को नजदीक से देखा है. सो, उनकी कोशिश होती है कि वे बतौर चैनल हेड वैसा कुछ न करें जैसा उन्होंने झेला है. इसी कारण वे चैनल हेड के बतौर कई तरह के प्रयोग करते रहते हैं. सबकी सुनते हैं. सबको समझाते हैं. खुद पर सारा फोकस करने की जगह वह टीम के फंक्शन में भरोसा करते हैं, टीम वर्क पर यकीन रखते हैं, कलेक्टिव क्रिएशन का सम्मान करते हैं, सो इनके साथ जुड़े लोगों का सैटिसफेक्शन लेवल काफी उंचा होता है.
निशांत से कई बार फोन पर बातचीत हुई. कुछ एक बार मिले भी. इसी दौरान लगा कि निशांत के सोचने, काम करने और जीने के तरीके के बारे में लोगों को बताना चाहिए. उसी प्रक्रिया में ये वीडियो इंटरव्यू बातों-बातों में कर लिया. पहली नौकरी कैसे मिली, संयुक्त राष्ट्र संघ में रिपोर्टिंग करने के दौरान क्या हासिल हुआ, आज की पत्रकारिता और संपादकों की हालत पर क्या सोचते हैं… ढेरों सवाल उनसे पूछा. निशांत बिना रुके, बिना झिझके लगातार बोलते बताते गए.
निशांत को देखकर यकीन होता है कि भारत में हिंदी टीवी जर्नलिज्म में सहज और सकारात्मक संपादकों की एक नई पीढ़ी आगे आ रही है. रुका और गंधाता पानी हटाने को स्वच्छ जल की एक नई धारा रफ्तार पकड़ चुकी है. आप इस वीडियो इंटरव्यू को देखें और फिर सोचें कि क्यों न हिंदी टीवी जर्नलिज्म में लंबे समय से कायम जड़ता और मठाधीशी को खत्म करने के लिए निशांत जैसे युवा चैनल हेड्स को सपोर्ट किया जाए. निशांत तक आप अपनी बात उनके फेसबुक एकाउंट www.facebook.com/nishant.chaturvedi के जरिए या फिर उनकी मेल आईडी [email protected] के जरिए पहुंचा सकते हैं.
यशवंत
एडिटर
भड़ास4मीडिया
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