आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने आईजी अभियोजन से आईजी नागरिक सुरक्षा के पद पर हुए अपने ट्रांसफर को कैट की लखनऊ बेंच में चुनौती दी है। केंद्र सरकार ने 28 जनवरी 2014 को आईपीएस कैडर रूल्स 1954 के नियम 7 में संशोधन करते हुए यह व्यवस्था की है कि आईपीएस अफसरों का ट्रांसफर सिविल सर्विस बोर्ड की संस्तुति पर ही किया जायेगा और दो साल से पहले किये गए ट्रांसफर में उसके स्पष्ट कारण बताये जायेंगे। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी लोक प्रहरी द्वारा दायर पीआईएल में 18 फ़रवरी के अपने निर्णय में इसकी पुष्टि की थी।
याचिका में श्री ठाकुर ने कहा है कि उन्हें 30 जनवरी को बिना सिविल सर्विस बोर्ड का गठन किये तथा बिना कोई कारण बताये अभियोजन विभाग से हटा दिया गया। जबकि उन्होने मात्र 15 दिन पहले ही वहां का कार्यभार संभाला था। अतः श्री ठाकुर ने अपने ट्रांसफर को निरस्त करने की प्रार्थना करते हुए पुनः अभियोजन विभाग में तैनात किये जाने की प्रार्थना की है।
डॉ. नूतन ठाकुर