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IRS 2012 Q3 : टॉप टेन भाषायी अखबारों में सात ने खोए अपने पाठक

इंडियन रीडरशिप सर्वे 2012 के तीसरे तिमाही में प्राप्‍त आंकड़े भाषायी अखबारों के लिए उत्‍साहजनक नहीं हैं. क्षेत्रीय भाषाओं के टॉप टेन अखबारों में सात अखबारों ने अपने पाठक खोए वहीं मात्र तीन अखबारों की पाठक संख्‍या में बढ़ोत्‍तरी देखने को मिली. तीसरी तिमाही में मात्र एक बदलाव के अलावा कोई बड़ा बदलाव नहीं देखने को मिला. दैनिक थांती ने लोकमत को दूसरे स्‍थान से हटाकर अपना कब्‍जा जमा लिया.

इंडियन रीडरशिप सर्वे 2012 के तीसरे तिमाही में प्राप्‍त आंकड़े भाषायी अखबारों के लिए उत्‍साहजनक नहीं हैं. क्षेत्रीय भाषाओं के टॉप टेन अखबारों में सात अखबारों ने अपने पाठक खोए वहीं मात्र तीन अखबारों की पाठक संख्‍या में बढ़ोत्‍तरी देखने को मिली. तीसरी तिमाही में मात्र एक बदलाव के अलावा कोई बड़ा बदलाव नहीं देखने को मिला. दैनिक थांती ने लोकमत को दूसरे स्‍थान से हटाकर अपना कब्‍जा जमा लिया.

भारत के नम्‍बर एक भाषायी दैनिक और मलयालम भाषा में प्रकाशित होने वाले मलयाला मनोरमा ने पिछले दो तिमाही में लगातार अपने पाठक खोए, परन्‍तु तीसरी तिमाही में उसने न केवल इस ट्रेंड पर रोक लगाया बल्कि अपने साथ 42000 नए पाठक भी जोड़े. अब उसके पाठकों की संख्‍या 97.52 लाख हो गई है, जो पिछली तिमाही में 97.10 लाख थी. 

तमिल भाषा के अखबार दैनिक थांती ने भी इस बार बढ़त हासिल करते हुए लोकमत को दूसरे पोजिशन से हटकर तीसरे नम्‍बर पर कर दिया. हालांकि इस बदलाव के बावजूद थांती को 14000 पाठकों को नुकसान हुआ है. थांती की पाठक संख्‍या इस तिमाही में 74.17 लाख रह गई है, जबकि दूसरी तिमाही में इस अखबार के पास 74.31 लाख पाठक थे. 

मराठी दैनिक लोकमत को बड़ा झटका लगा है. 2012 की तीसरी तिमाही में उसने अपने सबसे ज्‍यादा 98000 पाठकों को खोए हैं. इसी कारण लोकमत दूसरे स्‍थान से लुढ़ककर तीसरे स्‍थान पर पहुंच गया है. इस तिमाही में इसके पाठकों की संख्‍या 75.07 लाख से घटकर 74.09 लाख हो गई है.

चौथे नम्‍बर पर मलयालम दैनिक मातृभूमि का कब्‍जा बरकरार है. हालांकि मातृभूमि को भी इस तिमाही में 78000 पाठकों का नुकसान हुआ है. मातृभूमि की पाठक संख्‍या इस तिमाही में 64.15 लाख तक पहुंच गई है, जो इसके पहले वाले तिमाही में 64.93 लाख थी.

तेलगू दैनिक इनाडु ने पांचवें स्‍थान पर अपनी पकड़ मजबूत की है. मलयाला मनोरमा के बाद इनाडु दूसरा अखबार है जिसने अपने पाठक संख्‍या में वृद्धि दर्ज की है. इनाडु ने अपने साथ 32000 नए पाठक जोड़े हैं. पिछले तिमाही में इनाडु के पास 59.25 लाख पाठक थे, जो इस बार बढ़कर 59.57 लाख हो गए हैं.

छठवें स्‍थान पर मौजूद बंगाली दैनिक आनंद बाजार पत्रिका लगातार चौथे तिमाही में अपने पाठक खोए हैं. 2012 के तीसरे तिमाही में आनंद बाजार पत्रिका को 71000 पाठकों का नुकसान हुआ है. उसके पाठकों की संख्‍या दूसरे तिमाही के 59.70 लाख से घटकर इस तिमाही में 58.59 लाख रह गई है.  

सातवें नम्‍बर मौजूद तेलगू दैनिक साक्षी तीसरा भाषायी अखबार है, जिसे इस अवधि में अपने साथ नए पाठक जोड़ने में सफलता मिली है. साक्षी ने 2012 की तीसरी तिमाही में 37000 नए पाठकों को अपने साथ जोड़ा है. साक्षी की पाठक संख्‍या अब 53.43 लाख हो गई है, जो पिछले तिमाही में 53.06 लाख थी.

गुजराती भाषा का गुजरात समाचार आठवें स्‍थान पर मौजूद है. गुजरात समाचार ने लगातार दूसरे तिमाही में अपने पाठक खोए हैं. 2012 की तीसरी तिमाही में गुजरात समाचार के पाठकों की संख्‍या घटकर 51.53 लाख पहुंच गई है, जो पिछले तिमाही में 52.05 लाख थी.

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तमिल दैनिक दिनाकरन को भी नुकसान हुआ है. दिनाकरन ने इस तिमाही में 87000 पाठकों का नुकसान हुआ है. इस तमिल दैनिक की पाठक संख्‍या 49.99 लाख से घटकर इस तिमाही में 49.12 लाख तक पहुंच गई है. इस अखबार ने पिछली तिमाही में भी अपने पाठक खोए थे.

मराठी दैनिक साकाल को भी इस बार पाठकों का नुकसान हुआ है. इस मराठी अखबार को इस तिमाही में 34000 पाठकों का नुकसान उठाना पड़ा है. साकाल की पाठक संख्‍या पिछले तिमाही में 44.37 लाख थी, जो इस तिमाही में घटर 44.03 लाख तक पहुंच गई है.

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