Connect with us

Hi, what are you looking for?

No. 1 Indian Media News PortalNo. 1 Indian Media News Portal

आवाजाही, कानाफूसी...

पत्राकारों को भी कर देनी चाहिए अपनी संपत्ति की सार्वजनिक घोषणा?

 

ज़ी न्यूज के गिरफ्तार संपादक सुधीर चौधरी कई लिहाज़ से नंबर वन रहे हैं। वे पहले ऐसे पत्रकार थे जिन्होंने महज़ 35 साल की उम्र में बीएमडब्ल्यू कार (तत्कालीन कीमत लगभग 40-45 लाख) खरीद ली। वे पहले ऐसे चैनल हेड रहे जिन्होंने इस पद की नौकरी पाने से पहले चैनल की डील करवा दी। 

 

ज़ी न्यूज के गिरफ्तार संपादक सुधीर चौधरी कई लिहाज़ से नंबर वन रहे हैं। वे पहले ऐसे पत्रकार थे जिन्होंने महज़ 35 साल की उम्र में बीएमडब्ल्यू कार (तत्कालीन कीमत लगभग 40-45 लाख) खरीद ली। वे पहले ऐसे चैनल हेड रहे जिन्होंने इस पद की नौकरी पाने से पहले चैनल की डील करवा दी। 
 
वे पहले ऐसे चैनल हेड रहे जिन पर दूसरे चैनल की फूटेज़ चुरा कर प्रसारित करने और एक नारी की इज्जत उछालने का मुकदमा चला। वे पहले ऐसे चैनल हेड रहे जो एक बार जिस चैनल से निकले उसी चैनल में तीन गुना सैलरी पर सबसे ऊंचे पद पर वापस लौटे। 
 
कुछ खट्टे, कुछ मीठे अनुभवों के साथ सुधीर चौधरी जहां कइयों के लिए निंदा का विषय हैं वहीं कइयों के लिए आदर्श भी हैं। पत्रकारों में चर्चा आम है कि जो शख्स 40 लाख की कार पर बैठता है उसके पास कितने करोड़ की जमापूंजी होगी इसका अंदाजा कैसे लगाया जाए?
 
उधर समीर अहलूवालिया को बैठे-बिठाए शोहरत मिल गयी वर्ना वो तो दूसरे बिजनेस पत्रकारों की तरह कंबल ओढ़ कर घी पी रहे थे। एक शख्स ने बाकायदा फोन करके बताया कि समीर साहब दिल्ली और कई शहरों में कई फ्लैटों के अलावा एक आलीशान फॉर्म हाउस के भी मालिक हैं। उनकी संपत्ति करोड़ों से भी ज्यादा की गिनती में है।
 
दूसरे कई पत्रकारों के भी करोड़ों बटोरने की खबरें यदा-कदा आती रहती हैं। दिलचस्प बात ये है कि वे पत्रकार ही एक-दूसरे पर कीचड़ भी उछालते या उछलवाते रहते हैं जिन्होंने खुद भारी दौलत जमा कर रखी है। अगर कोई उनसे उनकी संपत्ति के बारे में पूछ दे तो वे बौखला जाते हैं। हालांकि सारे ऐसे नहीं हैं। ज्यादातर पत्रकार आज भी फक्कड़ ही हैं लेकिन बदनाम हो रहे हैं। 
 
सवाल ये उठता है कि क्या जैसे मीडिया के दबाव में राजनेताओं और अधिकारियों ने सार्वजनिक मंचों पर अपनी संपत्ति की घोषणा शुरु कर दी है, वैसे ही पत्रकारों को भी अपनी संपत्ति घोषित नहीं कर देनी चाहिए। दुनिया से भ्रष्टाचार मुक्त और बेदाग होने की अपेक्षा करने वाले पत्रकार अपना चेहरा दिखाने में क्यों झिझक रहे हैं?
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

… अपनी भड़ास [email protected] पर मेल करें … भड़ास को चंदा देकर इसके संचालन में मदद करने के लिए यहां पढ़ें-  Donate Bhadasमोबाइल पर भड़ासी खबरें पाने के लिए प्ले स्टोर से Telegram एप्प इंस्टाल करने के बाद यहां क्लिक करें : https://t.me/BhadasMedia 

Advertisement

You May Also Like

विविध

Arvind Kumar Singh : सुल्ताना डाकू…बीती सदी के शुरूआती सालों का देश का सबसे खतरनाक डाकू, जिससे अंग्रेजी सरकार हिल गयी थी…

सुख-दुख...

Shambhunath Shukla : सोनी टीवी पर कल से शुरू हुए भारत के वीर पुत्र महाराणा प्रताप के संदर्भ में फेसबुक पर खूब हंगामा मचा।...

विविध

: काशी की नामचीन डाक्टर की दिल दहला देने वाली शैतानी करतूत : पिछले दिनों 17 जून की शाम टीवी चैनल IBN7 पर सिटिजन...

प्रिंट-टीवी...

जनपत्रकारिता का पर्याय बन चुके फेसबुक ने पत्रकारिता के फील्ड में एक और छलांग लगाई है. फेसबुक ने FBNewswires लांच किया है. ये ऐसा...

Advertisement