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‘आप’ से चुनाव लड़ने को जज साहब ने लिया वीआरएस

देवरिया 6 फरवरी। अन्ना को अपना आदर्श मानने वाले एवं देश में व्याप्त भ्रष्टाचार खास तौर पर न्यायपालिका में फैली बुराईयों को समाप्त करने की नीयत से एक वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली है। सेवा निवृत्ति का आदेश मिलते ही न्यायिक अधिकारी ने आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। न्यायिक अधिकारी का कहना है कि वह देवरिया को अपना कर्मभूमि बनाएंगे तथा यदि पार्टी ने उन्हे चुनाव लड़ने का मौका दिया तो देवरिया लोकसभा से चुनाव भी लड़ सकते हैं।

देवरिया 6 फरवरी। अन्ना को अपना आदर्श मानने वाले एवं देश में व्याप्त भ्रष्टाचार खास तौर पर न्यायपालिका में फैली बुराईयों को समाप्त करने की नीयत से एक वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली है। सेवा निवृत्ति का आदेश मिलते ही न्यायिक अधिकारी ने आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। न्यायिक अधिकारी का कहना है कि वह देवरिया को अपना कर्मभूमि बनाएंगे तथा यदि पार्टी ने उन्हे चुनाव लड़ने का मौका दिया तो देवरिया लोकसभा से चुनाव भी लड़ सकते हैं।

 
देवरिया जिले में अपर जिला एवं संत्र न्यायाधीश के पद पर तैनात रह चुके अरूण कुमार त्रिपाठी ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद गुरूवार को आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। अभी एक सप्ताह पूर्व तक श्री त्रिपाठी परिवार न्यायालय में न्यायाधीश के पद पर विराजमान थे। लेकिन माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय और महामहिम राज्यपाल के यहां से वीआरएस की स्वीकृति मिलते ही न्यायिक अधिकारी ने जज का चोला छोड़कर आम आदमी के रूप में खुद को प्रस्तुत कर दिया।
 
पीटीआई/भाषा से गुरूवार को वार्ता करते हुए उन्होने कहा कि अन्ना और अरविन्द केजरीवाल में कोई मतभेद नहीं है। असल में अरविन्द केजरीवाल अन्ना के सिद्धान्तों को मूर्तरूप प्रदान कर रहे हैं। एक प्रश्न के जबाब में उन्होने कहा कि दिल्ली में लाल डोरा में उनका एक छोटा सा मकान है जहां उनके बच्चे रहते हैं। जब अन्ना राम लीला मैदान में लोगों के अन्दर भ्रष्टाचार से लड़ने का जोश पैदा कर रहे थे तो उन्होने उनके भाषण को सुना। तभी से उनके मन में न्यायपालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार से लड़ने की इच्छा जागृति हुई और उन्होने अन्ततः इसे अंजाम दे दिया। न्यायपालिका के क्षेत्र में 28 वर्ष तक अपनी सेवा दे चुके श्री त्रिपाठी ने बताया कि अधीनस्थ रह कर कभी कोई लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती।

इटावा जिले के मूल निवासी पूर्व न्यायिक अधिकारी श्री त्रिपाठी ने बताया कि वर्ष 2009 में जब वे एटा जिले में तैनात थे तो वहां के एक जज की शिकायत उच्च न्यायालय में की थी। लेकिन बाद में न्यायपालिका में फैले भ्रष्टाचार की वजह से उस जज को दोष मुक्त कर दिया गया। इस घटना से वे अत्यन्त दुःखी हुए।

 

देवरिया से ओपी श्रीवास्तव की रिपोर्ट। संपर्क: 9454918198

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