नई दिल्ली : राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में 'मीडिया की स्वतंत्रता' विषय पर बोलते हुए पीसीआई प्रमुख मार्कंडेय काटूज ने कहा कि फैशन शो को कवर करने के लिए 512 मान्यता प्राप्त पत्रकार लगाए गए हों और वहीं कुछ किलोमीटर दूर किसानों द्वारा आत्महत्या करने की खबर कवर करने के लिए सिर्फ एक-दो पत्रकार मौजूद हों और वह भी स्थानीय अखबार के, न कि राष्ट्रीय अखबार के तो यह स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है.
मीडिया की आजादी का मसला आम लोगों के जीवन स्तर से जुड़ा हुआ है. अगर देश के लोग गरीब हो रहे हैं और उनके जीवन स्तर में कोई बढ़ोतरी नहीं हो तो मीडिया की स्वतंत्रता कैसी. अगर ऐसा हो रहा है तो मीडिया की स्वतंत्रता को कुचल देना चाहिए. उन्होंने कहा कि पेड न्यूज और राडिया टेप जैसी शिकायतों के बाद मीडिया की छवि भी खराब हुई है. कुछ मीडियाकर्मियों के खिलाफ उगाही और ब्लैकमेल करने के भी आरोप लगे हैं. इसके लिए कुछ हद तक मीडिया का व्यवसायीकरण और इसका कारपोरेट घराने में तब्दील होना जिम्मेदार है.