अरविन्द केजरीवाल को मैं भी पसंद नही करता और हो सकता है बहुत सारे अन्य लोग भी उन्हें पसंद न करते हो, पर उनके खिलाफ़ अपनी भाषा पर संयम तो रखिये। कोई बंदर कहता है, तो कोई कहता है कि भाग गया, कोई स्याही फेंक देता है तो कोई अंडे। केजरीवाल को सोशल मीडिया में हर राजनीतिक चुटकुले का संता-बंता बना रखा गया है। अरे मेरे विद्वान विचारक बंधुओं!! नरेद्र मोदी अभी प्रधानमंत्री बने नहीं है, सभी लोग अभी विकल्पहीनता में केवल उनसे उम्मीदें ही लगाये हैं। अभी मोदी को आपकी उम्मीदों को पूरा होना बाकी है।
क्या अभी तक के चुनावी तैय्यारियों में या किसी भाषण, इंटरव्यू में मोदी ने विकास का कोई मॉडल दिया है, देश को समस्याओं से कैसे मुक्त करेंगे इस बारे कुछ भाखे हैं? क्या गारंटी है कि मोदी दूसरे केजरीवाल नहीं साबित होंगे? लेकिन ये तो देखिये कि व्यक्तिगत शिक्षा, दीक्षा और ज्ञान के आधार पर केजरीवाल मोदी से कई गुना बेहतर है, क्या मोदी ने यूपीएससी का IRS Exam क्लियर किया है? लाख विरोधी होने के बावजूद मैं ये मानता हूँ कि केजरीवाल की जीवन की उपलब्धियाँ मोदी से बेहतर हैं।
मोदी क्या थे….. बीबी को छोड़ कर भागे संघ प्रचारक, भाजपा के सर्वमान्य और सहिष्णु नेता अटल बिहारी बाजपेई की प्रशासनिक अक्षमता के लिए डांट खाने वाले मुख्यमंत्री, कार्पोरेट्स के लाबिंग के दम पर विकास का तिलस्म दिखाते नेता, पैसे और प्रचार के दम पर अपने को पार्टी से ऊपर दिखाते राजनीतिज्ञ। केजरीवाल की उपलब्धिया देखिये…बचपन में मेधावी सो IIT से बीटेक, सिविल सर्विसेस क्लियर किया (IRS) और इनकम टैक्स में ज्वाइंट कमिश्नर, समाज सेवा का प्रतिष्ठित रमन मैग्सेसे अवार्ड, RTI एक्टिविस्ट, जनलोकपाल हेतु लोगों में चेतना फ़ैलाने वाले महत्वपूर्ण आंदोलन का हिस्सेदार और मात्र 45 साल के उम्र में खुद के दम पर खड़े किये राजनीतिक दल से एक प्रदेश का मुख्यमंत्री और वो भी मात्र दो साल के अंदर।
मोदी जिस संगठन और पार्टी के दम पर उभरे वो अब उनके सामने गौड़ हो चुकी है, प्रचार की धारा तो देखिये भाजपा नहीं मोदी को जिताना है, अहंकार की पराकाष्ठा है ये, क्या आपको मोदी में संजय गांधी नहीं दिखाई दे रहे? लेकिन समस्या फिर वही….. विकल्पहीनता, सो बेहतर उपलब्ध विकल्प चुनिए, आखिर अकेला चना भाड़ थोड़े न फोड़ सकता है। अभी केजरीवाल और उनका दल केंद्रीय राजनीति के अनुकूल नहीं है। केजरीवाल केंद्र में स्थिर और मजबूत सरकार नहीं दे सकते और खेल बिगाड़ने वाली उनकी रणनीति मेरी समझ से परे है और भारत जैसे विकासशील देश के लिए आर्थिक और सामाजिक रूप से अत्यंत बोझकारी। सो अपना वोट बर्बाद न करिये और केंद्र की सम्भावित मजबूत सरकार को चुनिए।
अजित कुमार राय। संपर्कः 9450151999, 9807206652