Shahnawaz Malik : 'सहमति से सेक्स' का सच… फेसबुक मिथ्या का जंगल है… सबकुछ विश्वसनीय नहीं… विश्वसनीय सा दिखने वाला कंटेंट क्रिएट किया जाता है शिकार के लिए… खुर्शीद इसी जंगल में फंस गए थे और आखिरकार शिकार हुए… मीडिया का एक धड़ा भी इसी मिथ्या के आधार पर 'सहमति से सेक्स' की जानकारी लोगों तक पहुंचाता रहा… सबूत पेश कर रहा हूं उस आधार का…
फेसबुक प्रोपगंडा ने खुर्शीद को आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया, फिर मीडिया ने फेक फेसबुक वॉल कंटेंट को बिना जांचे-परखे अपने यहां चलाकर उनका चरित्र हनन किया… देखिए हमारे सामने कितना कुछ घट रहा है… 'रेप विक्टिम' को इंसाफ दिलाने निकले लफंगों की करतूत भी देखिए… जो इनकी मुहिम में शामिल थे, उन्हें भी समझिए…
इस खेल में लड़की और खुर्शीद तमाशा बनकर रह गए हैं… लेकिन जिन्होंने यह तमाशा क्रिएट किया है, उसकी कम से कम सज़ा तीन साल कैद और पांच लाख जुर्माना है सिर्फ आईटी एक्ट के तहत… सीआरपीसी की धाराएं तो अपना काम अलग से करेंगी…
खुर्शीद को बदनाम करने के लिए लंपटों ने खुर्शीद अनवर का फेक फेसबुक अकाउंट क्रिएट किया था… अपनी मर्ज़ी और सहूलियत के मुताबिक उसमें कंटेंट डाला और फेसबुक पर फैला दिया… यहां जो खुर्शीद अनवर सहमति से सेक्स की बात कर रहे हैं, दरअसल वो असली खुर्शीद अनवर नहीं हैं… लेकिन देखने में लगता है कि असली हैं… इसके पीछे मंशा यह थी कि कॉमन यूज़र इसे पढ़कर खुर्शीद के असली अकाउंट पर जाकर उन्हें गालियां देगा, धमकाएगा जो कि हुआ…
दिलचस्प यह है कि जब आईबीएन7 ने इसी फेक वॉल के आधार पर ख़बर चलाई कि खुर्शीद के घर से बरामद चिट्ठी में लिखा है कि उन्होंने सहमति से सेक्स किया तो लंपटों ने उसे शेयर करना शुरू कर दिया… यह भी कहा कि देखो खुर्शीद ने इतना तो मान लिया है, जबकि सब कुछ झूठ है…
रेप हुआ या नहीं? इसका फैसला अदालत में होगा… लेकिन इस फर्ज़ी वाल से फेसबुक और मीडिया में हुए खुर्शीद के चरित्र हनन की ज़िम्मेदारी कौन लेगा? क्या दोषी पकड़े जाएंगे? क्या मीडिया माफ़ी मागेगा? क्या खुर्शीद की चली गयी ज़िन्दगी और इज्ज़त वापस आ सकती है?
पत्रकार शाहनवाज मलिक के फेसबुक वॉल से.