नमस्कार,
संपादक महोदय,
भाड़स4मडिया।
बड़े दुख के साथ आपको कहना है कि मैं बिहार में मौर्य टीवी का रिपोर्टर हूं। पिछले अप्रैल माह से मौर्य प्रबंधन ने किसी भी रिपोर्टर को बकाया पैसे का भुगतान नही किया है। पिछले नवंबर माह में ही शायद प्रकाश झा ने चैनल को ज़ी मीडिया को बेच दिया था लेकिन रिपोर्टरों को पता तक नही चला। 15 दिसंबर तक खबरें मांगी जाती रही लेकिन पैसों का भुगतान नही किया गया।
अपने आप को समाजसेवी बताने वाले प्रकाश झा राजनीति, सत्याग्रह जैसे फिल्म बना कर समाज के सिरमौर बनने का दावा करते है लेकिन बिहार झारखंड के रिपोर्टरों को बिना पैसा दिये चैनल बेच कर कहां चले गए, पता नहीं चल रहा है। अब कोई पैसे की बात सुनने वाला भी नहीं है। जी न्यूज ने भी अपने ज़ी के रिपोर्टर्स को लगभग रख लिया लेकिन मौर्या के रिपोर्टरों को फिलहाल नहीं हटाया है।
अब सवाल उठता है कि जब चैनल को प्रकाश झा ने बेच लिया तो मंगनी में चैनल बेचा नहीं होगा, पैसा लिया होगा, तो इस रिपोर्टर को पैसा नहीं देकर क्यूं हाय लेने में जुटा है। सुपौल में बाढ़ पीडि़तों के लिए घर बना कर अच्छा काम किया, पर क्या वह सिर्फ दिखावा था समाज में प्रतिष्ठिा पाने के लिए। वो गरीब रिपोर्टर जो 9 माह तक दिन-रात एक कर खबर कर उन्हें भेजता रहा उसका कोई ख़्याल नही है।
जिन जिलों में केबल वालों का एग्रीमेन्ट था उनको नो डयूज करा कर हर जिले में केबल वालों को पैसा दिया गया लेकिन रिपोर्टर को नहीं क्योकि रिपोर्टर के साथ कोई एग्रीमेन्ट नहीं है। अब ये बेचारा रिपोर्टर किससे गुहार लगाए। प्रकाश झा जैसे आदमी से ऐसी उम्मीद नहीं थी। ये अभी नीतीश बाबू के गुणगान में लगे हैं कि कहीं इनका राजनीतिक करियर उठ जाए लेकिन इन रिपोर्टरों की हाय तो इन्हें जरूर लगेगी।
आप से अनुरोध है कि इस खबर को अपने भाड़स पर जगह देने की कृपा करें।
आपका
एक रिपोर्टर
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.