Tara Shanker : आम आदमी पार्टी वास्तव में नौटंकी कर रही है! जनता की पसंद नापसंद तो ठीक है लेकिन किसी बात पे मांगी गयी राय में कितने लोगों ने हाँ या नहीं कहा (मने सैंपल साइज़ क्या है)? कौन से लोगों ने हाँ या नहीं कहा? क्या ज़रूरी है कि बहुमत सही ही हो? इस तरह से अगर फ़ैसला होने लगे तो अराजकता आने में देर न लगेगी!
जैसे कल को केजरीवाल राय मांगने लगे कि बलात्कारियों को फांसी दी जाय कि न? तो पता चलेगा ज़्यादातर लोग फांसी की वकालत करेंगे….जो कि गलत है! इसी तरह अगर आज homosexuality पे राय मांग ली जाय तो फ़ैसला तीन-चार करोड़ homosexuals के विरुद्ध आयेगा (जो कि एक निहायत ही क्रूर और मूर्खतापूर्ण बहुमत होगा). सो Mr. केजरीवाल ये नौटंकी बंद करिए! लोकतंत्र के लिए घातक है ये!
जेएनयू के छात्र और सोशल एक्टिविस्ट तारा शंकर के फेसबुक वॉल से.