लखनऊ 21 मार्च 2014। क्राइम ब्रांच और सीआईडी, मुम्बई द्वारा वकील महमूद पराचा का साक्षात्कार तत्काल प्रभाव से हटाने और उसे प्रकाशित करने के खिलाफ प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल टू सर्किल्स डॉट नेट को नोटिस भेजने को प्रेस की आजादी पर हमला करार देते हुए रिहाई मंच ने इसे मुम्बई पुलिस की आपराधिक कार्यशैली का एक और प्रमाण बताया है।
रिहाई मंच के प्रवक्ताओं राजीव यादव और शाहनवाज आलम ने कहा कि इस घटना से साबित हो जाता है कि मुम्बई पुलिस उन तमाम इंसाफपसंद लोगों और संस्थानों के खिलाफ अपनी शक्ति का दुरूपयोग करने पर आमादा है जो उसकी भूमिका को कटघरे में खड़ा करते हैं। प्रवक्ताओं ने कहा कि इससे पहले भी टू सर्किल डॉट नेट पर छपी आतंकवाद के नाम पर फर्जी तरीके से फंसाए गए मुस्लिम युवकों की कुछ खबरों को सेंसर किया जा चुका है। जिससे साबित होता है कि यह वेब पोटर्ल लम्बे समय से साम्प्रदायिक सुरक्षा एजेंसियों और साम्प्रदायिक सरकारों के गठजोड़ के निशाने पर था।
आजमगढ़ रिहाई मंच के प्रभारी मसीहुद्दीन संजरी ने कहा कि अगर मुम्बई पुलिस को खबर पर आपत्ति थी तो उसे खबर में उठाए गए सवालों का जवाब देना चाहिए था। लेकिन उसने धमकी भरा नोटिस भेज कर खबर में उठाए गए सवालों को और पुख्ता कर दिया है कि उसने जानबूझ कर आतंकवाद के आरोप में बेगुनाह मुसलमानों को फंसाया और असली दोषियों को बचाया है। उन्होंने कहा कि चूंकि महमूद पराचा द्वारा पैरवी किये जा रहे मुकदमे न्यायिक प्रक्रिया में हैं। इसलिए अदालत को स्वयं इस मामले को स्वतः संज्ञान लेना चाहिए। ताकि मीडिया की अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा भी सुनिश्चित हो सके और इन मुकदमों की पैरवी कर रहे वकील को भी सुरक्षा के माहौल में अपनी पेशेगत और संवैधानिक जिम्मेदारी पूरी करने की गारंटी मिल सके।
द्वारा जारी-
शाहनवाज आलम, राजीव यादव
प्रवक्ता रिहाई मंच
09415254919, 09452800752