हिन्दी के अंतर्राष्ट्रीय प्रचार-प्रसार की मंशा से बोकारो से एक पत्रिका 'नया सृजन' का प्रकाशन आरंभ किया गया है। पत्रिका का विमोचन इस वसंत-पंचमी की संध्या को हिन्दी के मुर्धन्य साहित्यकारों और विचारकों के हाथों हुआ। पत्रिका के संपादक वेंकटेश शर्मा ने अपनी बात रखते हुए कहा कि पत्रिका के बहाने दुनिया भर के हिन्दी प्रेमियों को एक मंच पर लाना और परस्पर विचार-विनिमय के लिए मंच तैयार करना ही इस पत्रिका का उद्देश्य है। इस क्रम में किसी वाद के विवाद में न पड़ कर हर हिन्दी प्रेमी एकजुट हों और अपना स्नेह-सहयोग, आशीर्वाद दें तो हिन्दी के इस विश्वव्यापी अभियान को संबल मिलेगा।
कलाकेन्द्र सेक्टर-2 में आयोजित इस समारोह में समाजसेवी और विचारक जगन्नाथ साही ने इस अवसर पर कहा कि हिन्दी भारतीयता की भावना से ओत-प्रोत भाषा है और इसकी सेवा राष्ट्र की सेवा है। वहीं कवयित्री और डीपीएस की निदेशक डॉ. हेमलता एस मोहन ने कहा कि साहित्य लोगों की सोच को परिवर्तित करता है और अच्छाइयों की ओर प्रेरित करता है। समाजसेवी और चिंतक सरयू राय, रेलवे में एसपी और कवि प्रशांत कर्ण और जिप अध्यक्ष मिहिर सिंह ने भी हिन्दी के लिए किये जा रहे इस प्रयास की सराहना की। मौके पर उपस्थित शिक्षाविद् व चिन्मय विद्यालय के प्राचार्य अशोक कुमार सिंह ने भी अपने विचार रखे। अतिथियों का स्वागत नरेन्द्र कुमार राय ने किया। धन्यवाद ज्ञापन पूर्णेन्दु पुष्पेश ने किया।
इस अवसर पर एक कवि-सम्मेलन का आयोजन भी किया गया जिसकी अध्यक्षता डॉ. जगन्नाथ साही ने और संचालन डॉ. परमेश्वर भारती ने किया। कवि सम्मेलन में डॉ. हेमलता एस मोहन, भावना वर्मा, कस्तूरी सिन्हा, ज्योति वर्मा, उषा झा, डॉ. रंजना श्रीवास्तव, डॉ. राम सागर सिंह, डॉ. सुखनंदन सिंह सदय, प्रषांत कुमार कर्ण, श्यामल सुमन, महेश मेहंदी, राम नारायण उपाध्याय, त्रिलोकी नाथ टंडन, आकाश खूंटी, शिवनाथ प्रमाणिक, प्रदीप कुमार दीपक, अरुण पाठक, राजीव कंठ आदि ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को मंत्र-मुग्ध कर दिया।