नई दिल्ली। नगर पालिका परिषद में अवैध रूप से रोड कटिंग का मामला सामने आया है। इससे एनडीएमसी को करीब 56 लाख का नुकसान हुआ है। एनडीएमसी के इंजीनियर अवैध रोड कटिंग करने वाली कंपनी से सेटिंग करके सारा मामला रफा दफा करने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने अपने ही स्तर पर लाखों रुपये माफ करके इस फाइल को बंद कर दिया था। अब इस मामले की शिकायत तमाम एजेंसियों तक पहुंचने के बाद मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
सूत्रों के अनुसार, एक कंपनी को जुलाई, 2013 में अवैध रूप से साईमन बाल्बर मार्ग में इंटरनेट के तार डालने के लिए पाइप डालते हुए पकड़ा गया था। इस कंपनी ने यहां की रोड डिवीजन के अफसरों से सेटिंग करके बिना रोड कटिंग चार्ज जमा कराए ही अपना काम निपटा लिया। इसकी सूचना मिलने पर एनडीएमसी इंजीनियरों ने 28 मई, 13 को संबंधित कंपनी को 55 लाख 81 हजार 962 रुपये डैमेज चार्ज जमा कराने के लिए एक पत्र भी लिखा था। लेकिन उस पत्र को कंपनी ने अनदेखा कर दिया।
बताते हैं कि एनडीएमसी के आला इंजीनियरों ने मामला निपटाने के लिए 27 दिसंबर 2013 को दो इंजीनियरों को एक एडवाजरी जारी करके सारा मामला निपटा दिया। लेकिन जानकार लोगों का कहना है कि ऐसा करने का अधिकार केवल परिषद को है। यहां के इंजीनियरों ने ऐसा करके अपने पद का दुरुपयोग किया है। इस मामले में विजिलेंस विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पहली नजर में यह मामला पद के दुरुपयोग का लगता है। जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
लेखक पीयूष जैन दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार और एडवोकेट हैं।