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हिन्दुस्तान विज्ञापन घोटाला : 19 अप्रैल होगी सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई

मुंगेर। और वह दिन आ गया जिसका इंतजार अधैर्य होकर सभी कानूनविद् कर रहे थे। विश्वस्तरीय दैनिक हिन्दुस्तान 200 करोड़ सरकारी विज्ञापन घोटाला में सर्वोच्च न्यायालय (नई दिल्ली) ने पीटिशन फोर स्पेशल लीव टू अपील (क्रिमिनल नं0 1603/2013) में आगामी 29 अप्रैल 13 को प्रातः साढ़े दस बजे सुनवाई की तारीख मुकर्रर कर दी है। सर्वोच्च न्यायालय के सहायक निबंधक ने इस संबंध में मुंगेर (बिहार) के कोतवाली कांड संख्या 445/2011 के सूचक मंटू शर्मा को निबंधित डाक से न्यायालय की नोटिस भेजी है और आगामी 29 अप्रैल 13 को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है।

मुंगेर। और वह दिन आ गया जिसका इंतजार अधैर्य होकर सभी कानूनविद् कर रहे थे। विश्वस्तरीय दैनिक हिन्दुस्तान 200 करोड़ सरकारी विज्ञापन घोटाला में सर्वोच्च न्यायालय (नई दिल्ली) ने पीटिशन फोर स्पेशल लीव टू अपील (क्रिमिनल नं0 1603/2013) में आगामी 29 अप्रैल 13 को प्रातः साढ़े दस बजे सुनवाई की तारीख मुकर्रर कर दी है। सर्वोच्च न्यायालय के सहायक निबंधक ने इस संबंध में मुंगेर (बिहार) के कोतवाली कांड संख्या 445/2011 के सूचक मंटू शर्मा को निबंधित डाक से न्यायालय की नोटिस भेजी है और आगामी 29 अप्रैल 13 को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है।

सर्वोच्च न्यायालय के सहायक निबंधक ने वादी मंटू शर्मा को रेसपोन्डेन्ट नं0 – 02 बनाया है जबकि बिहार सरकार को रेसपोन्डेन्ट नं0 – 01 बनाया है। सहायक निबंधक ने नोटिस में चेतावदी दी है कि यदि रेसपोन्डेन्ट सर्वोच्च न्यायालय में निर्धारित तिथि को उपस्थित नहीं होते हैं तो रेसपोन्डेन्ट की अनुपस्थिति में भी वाद का निबटारा कर दिया जायेगा। स्मरणीय है कि दैनिक हिन्दुस्तान 200 करोड़ सरकारी विज्ञापन घोटाला मुकदमे में पटना उच्च न्यायालय में पराजित होने के बाद कांड की प्रथम नामजद अभियुक्त सह अध्यक्ष हिन्दुस्तान प्रकाशन समूह शोभना भरतिया ने सर्वोच्च न्यायालय में पीडिशन फोर स्पेशल लीव टू अपील क्रिमिनल नं0.1603/2013 दायर किया था।

सर्वोच्च न्यायालय ने 05 मार्च 2013 को पीटिशनर शोभना भरतिया की याचिक पर सुनवाई करते हुए मुंगेर (बिहार) कोतवाली कांड संख्या 445/2011 में 'अगले आदेश तक आगे की कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाने' का आदेश पारित किया था।

आखिर दैनिक हिन्दुस्तान 200 करोड़ सरकारी विज्ञापन घोटाला क्या है : हिंदी दैनिक हिन्दुस्तान के दौ सौ करोड़ के सरकारी विज्ञापन घोटाले में पुलिस अधीक्षक पी. कन्नन के मार्ग निर्देशन में आरक्षी उपाधीक्षक अरूण कुमार पंचाल की ओर से समर्पित पर्यवेक्षण टिप्पणी में पृष्ठ संख्या 05 में मुंगेर के वरीय अधिवक्ता पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट श्रीकृष्ण प्रसाद ने सरकार के प्रमुख गवाह के रूप में दैनिक हिन्दुस्तान के निबंधन के गोरखधंधे को सविस्तार उजागर कर दिया है। उन्होंने पुलिस उपाधीक्षक को बयान दिया कि बिहार सरकार के वित्त विभाग की अंकेक्षण प्रतिवेदन संख्या -195/2005-06 में भागलपुर से दैनिक हिन्दुस्तान का प्रकाशन बिना निबंधन शुरू होने की बात दर्ज है।

गवाह श्रीकृष्ण प्रसाद ने पुलिस उपाधीक्षक को बयान दिया है कि भागलपुर और मुंगेर से मुद्रित एवं प्रकाशित होने वाले दैनिक हिन्दुस्तान में वर्ष 2001 से 30 जून 2011 तक आरएनआई नं- 44348/86 जो पटना के हिन्दुस्तान संस्करण के लिए आवंटित है, का प्रयोग किया गया जबकि 01 जुलाई 2011 से 16 अप्रैल 2012 तक आरएनआई नंबर के स्थान पर 'आवेदित' छापा जाने लगा। पुनः दिनांक 17 अप्रैल 2012 को उक्त समाचार-पत्र में आरएनआई नंबर. बीआईएचएचआईएन/2011/41407 छापा गया।

पुलिस उपाधीक्षक की पर्यवेक्षण टिप्पणी में सरकारी गवाह श्रीकृष्ण प्रसाद आगे बयान करते हैं कि दैनिक हिन्दुस्तान के भागलपुर एवं मुंगेर संस्करणों में बार-बार निबंधन संख्या बदलते रहने से स्वतः स्पष्ट होता है कि अभियुक्तों द्वारा गलत एवं फर्जी तरीके से उक्त स्थानों से समाचार पत्र का मुद्रण-प्रकाशन किया जा रहा है तथा अभियुक्तों को अपने कृत्यों को छिपाने के लिए समाचार-पत्र में बार-बार निबंधन संख्या बदलकर प्रकाशित करना पड़ रहा है। इन्होंने अपने बयान में यह भी बताया कि भागलपुर एवं मुंगेर से प्रकाशन के साथ ही दैनिक हिन्दुस्तान में सरकारी विज्ञापनों का प्रकाशन भी किया जाने लगा जबकि बिहार सरकार और केन्द्र सरकार की विज्ञापन नीति में यह स्पष्ट है कि कोई भी अखबार सरकारी विज्ञापन तभी छाप सकता है और आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकता है जब वह अखबार प्रेस रजिस्ट्रार से विधिवत निबंधित हो।

36 माह के घाटे को पाटने के लिए हिन्दुस्तान ने की जालसाजी और गोरखधंधा : डीएवीपी की विज्ञापन सूची में किसी दैनिक अखबार का नाम तब दर्ज होगा जब दैनिक अखबार का प्रकाशन 36 माह तक बिना रूके हो चुका होगा अर्थात 36 माह तक किसी भी अखबार को बिना सरकारी विज्ञापन के ही अखबार निकालना होगा, परन्तु उक्त नियमों की अनदेखी की गई इस प्रकार गलत तरीके से सरकारी विज्ञापनों का प्रकाशन करते हुए राजस्व को क्षति पहुंचाई गई।

टाइम्स आफ इंडिया के पत्रकार काशी प्रसाद भी सरकारी गवाह बने : हिन्दुस्तान विज्ञापन घोटाले में दैनिक प्रदीप और सर्चलाइट के पूर्व संवाददाता और वर्तमान में टाइम्स आफ इंडिया के जिला संवाददाता श्रीकाशी प्रसाद भी सरकारी गवाह बने। उन्होंने पुलिस उपाधीक्षक के समक्ष अपने बयान में गवाह श्रीकृष्ण प्रसाद, जो काशी प्रसाद के जयेष्ठ पुत्र भी हैं, के बयान का पूर्ण रूपेण समर्थन किया और उनके द्वारा दिए गए बयान को दुहराया।
 
अधिवक्ता व पत्रकार बिपिन कुमार मंडल भी सरकारी गवाह बने : मुंगेर के युवा अधिवक्ता और आरटीआई एक्टिविस्ट बिपिन कुमार मंडल भी दैनिक हिन्दुस्तान घोटाले में सरकारी गवाह बने। उन्होंने पुलिस उपाधीक्षक के समक्ष अपने बयान में प्राथमिकी में दर्ज बातों और गवाह श्रीकृष्ण प्रसाद के बयान का पूर्ण रूपेण समर्थन करते हुए उनके द्वारा दिए गए बयान को ही दुहराया।
 
सभी अभियुक्तों के विरूद्ध प्रथम दृष्टया आरोप प्रमाणित : मुंगेर पुलिस ने कोतवाली कांड संख्या 445/2011 में सभी नामजद अभियुक्तों शोभना भरतिया, शशि शेखर, अकु श्रीवास्तव, बिनोद बंधु, अमित चोपड़ा के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता की धाराएं 420/471/476 और प्रेस एण्ड रजिस्ट्रेशन आफ बुक्स एक्टए 1867 की धारा 8 (बी) 14 एवं 15 के तहत लगाए गए सभी आरोपों को अनुसंधान और पर्यवेक्षण में सत्य घोषित कर दिया है।

मुंगेर से श्रीकृष्‍ण प्रसाद की रिपोर्ट. इनसे संपर्क मोबाइल नम्‍बर 09470400813 के जरिए किया जा सकता है.

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हिंदुस्‍तान के इस विज्ञापन घोटाले के बारे में अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें – हिंदुस्‍तान का विज्ञापन घोटाला

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