चर्चा है कि पी7न्यूज चैनल के प्रबंधन ने चैनल के वरिष्ठों को कह दिया है कि चैनल को खुद चलाओ. यानि कंपनी अब चैनल चलाने के लिए पैसे नहीं देगी, खुद चैनल के जरिए पैसे निकालो और इसे चलाओ. इन दिनों चैनल के अंदर हालात ऐसे हैं कि एक के बाद एक इस्तीफों की झड़ी लग रही है. वैसे तो पिछले चार सालों में इस चैनल के इनपुट हेड के तौर पर कई दिग्गज आये और वक़्त के साथ इस चैनल को अलविदा भी कहते गए लेकिन जबसे 2011 से चैनल में सहारा परिवार से लोग आये तो चैनल के बुरे दिन शुरू हो गए.
एम्प्लाइज चाह कर भी अपना मुंह नहीं खोल सकते. मैनेजमेंट इन दिनों एक के बाद एक तुगलकी फरमान जारी कर रहा है. असाइनमेंट की लगभग पूरी टीम जो चैनल की शुरुआत से जुडी थी वह सब दीपक चौरसिया के चैनल इंडिया न्यूज़ जा चुकी है. पिछले साल एसाइनमेंट से डिप्टी एसोसिएट प्रोड्यूसर प्रशांत मिश्रा ने जैसे ही इंडिया न्यूज़ में बतौर एसाइनमेंट हेड ज्वाइन किया, वैसे ही वह सबसे पहले पी7न्यूज के रिपोर्टर राकेश सिंह रॉकी को ले गए. इसके बाद तो मानो बाढ़ आ गयी. फिर एक एक करके प्रशांत मिश्रा के सभी करीबी इंडिया न्यूज़ की दहलीज़ पर दस्तक देने पहंच गए. प्रशांत मिश्रा ने पी7न्यूज के पूरे एसाइनमेंट को खाली कर उसे अनाथ कर दिया. विनय भंडारी, रशीद, दिगंत कुमार, सचिन तिवारी जैसे लोगों ने इंडिया न्यूज़ का दामन थाम लिया.
खबर यह भी है कि चैनल कई जगह बंद है. चैनल के अंदर करीब करोड़ों के गबन की चर्चाएं हैं. आरोप है कि गबन को उपर बैठे कई लोगों ने ही अंजाम दिया है. इस बाबत चैनल के अंदर खलबली मची हुई है. टाइम से सेलरी भी नहीं आ रही है. जो सेलरी 7 तारीख तक आती थी अब वो 15 तारीख से लेकर 25 तारीख के बीच टुकड़ों में आने लगी है. पिछले 5 महीने से चैनल की यही हालत है. अभी हाल ही में चैनल ने 'हरियाणा एक्सप्रेस' के नाम से एक रीजनल चैनल भी खोल डाला. चैनल ने पहले ही अपना एमपी छत्तीसगढ़ रीजनल चैनल खोला हुआ है. चैनल ने दिल्ली एनसीआर को बंद करके हरियाणा एक्सप्रेस पर्ल्स एनसीआर में तब्दील कर दिया है.
चैनल के हालात यह हो चुके हैं कि चैनल ने दिल्ली और मुम्बई को मिलाकर अपनी दो ओबी वैन्स को हटा दिया है. शूट पर जाने वाली गाड़ियों के लिए तेल की कमी पड़ने लगी है और जिस पेट्रोल पंप से तेल डलता था उसने लाखों बकाया होने के कारण तेल देने से मना कर दिया. फिलहाल यहां काम कर रहा हर एम्प्लाई डरा हुआ है. सब सोच रहे हैं कि आखिर चैनल का क्या होगा? बेचारे रिपोर्टर दिन भर फील्ड में जान देते हैं और चैनल कहीं दिखता नहीं. न्यूज़ नेशन और न्यूज़ एक्सप्रेस जैसे नए चैनल्स टाटा स्काई पर दिखने लगे लेकिन पी7न्यूज बद से बदतर होता चला गया.
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.