चुनाव आयोग के आदेशों पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाल में तमाम आईएएस तथा आईपीएस अफसरों के किये गए ट्रांसफर को रद्द किये जाने हेतु सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर द्वारा इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में एक पीआईएल दायर की गयी है।
याचिका के अनुसार हाल ही में आईएएस कैडर रूल्स तथा आईपीएस कैडर रूल्स में संशोधन करते हुए यह अनिवार्य कर दिया गया कि इन अफसरों के ट्रांसफर केवल सिविल सेवा बोर्ड की संस्तुति पर ही किये जाएंगे। ये ट्रांसफर दो साल की अवधि के बाद ही किये जा सकते हैं और दो साल के पहले किये सभी ट्रांसफर में सम्बंधित अफसर को अपनी बात कहने का अवसर देने के बाद कारण बताते हुए ही ट्रांसफर किये जा सकते हैं।
डॉ. ठाकुर के अनुसार ये नियम चुनाव के समय भी लागू रहते हैं लेकिन हाल में चुनाव आयोग द्वारा इनका पालन किये बिना ही मनमर्जी के और बिना अलग-अलग कारण बताये तमाम अफसरों के ट्रान्सफर के निर्देश जारी कर दिए गए। इससे आयोग द्वारा अपने संवैधानिक अधिकारों के दुरुपयोग की पूर्ण सम्भावना बन जाती है। यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा अफसरों के ट्रान्सफर के सम्बन्ध में दिए आदेशों के भी खिलाफ है।
अतः उन्होंने इन सभी ट्रांसफर को निरस्त करते हुए नियमों के अनुसार ही ट्रांसफर किये जाने की मांग की है।