यूपी की बदहाल कानून व्यवस्था के लिए सरकार सीधे-सीधे जिम्मेदार हैं। वर्तमान सरकार के दो साल के कार्यकाल में सर्वोच्च प्राथमिकता वाले कार्य अर्थात बदहाल कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। सरकार ने पुलिस के खाली पड़े स्वीकृत पदों को भरने के लिए कोई कार्यवाही नहीं की हैं। एक आरटीआई के जवाब में उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय द्वारा दिए गए आंकड़ों से पता चलता है कि यूपी पुलिस के 54 प्रतिशत पद खाली हैं अर्थात महज 46 प्रतिशत पद ही भरे हुए हैं।
आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि यूपी में एक पुलिसकर्मी पर दो पुलिसकर्मियों से भी अधिक का कार्यभार है। संभवतः अतिरिक्त कार्यबोझ के कारण पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी से न्याय नहीं कर पाते। यूपी में मानवाधिकार उल्लंघन की बढ़ती घटनाओं के पीछे कार्य के बोझ से दबी पुलिस की मनोदशा भी एक कारण हो सकती है। इस विषय में जन-प्रतिनिधियों और नौकरशाही को जनता के सामने पुलिस की सही तस्वीर रखनी चाहिए।
उर्वशी शर्मा
आरटीआई और सोशल एक्टिविस्ट
लखनऊ