पुणे की मंचर तहसील मे संपन्न हुई एक पत्रकार संगोष्ठी मे अपने विचार व्यक्त करते हुये वरिष्ठ पत्रकार दि्नकर रायकर(लोकमत के चीफ एडिटर), अरूण साधू और दिलीप चावरे ने पत्रकार सुरक्षा कानून और पत्रकार पेन्शन योजना का विरोध किया। इससे महाराष्ट्र के पत्रकारों में काफी नाराज़गी है। इस कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार कुमार केतकर भी मौजुद थे लेकिन उन्होनें इन मुद्दो पर चुप्पी साध ली है।
कार्यक्रम में पत्रकार हमला विरोधी कृती समिती के अध्यक्ष एसएम देशमुख ने महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में पत्रकारों के उपर बढ़ते हमलों पर चिंता व्यक्त करते हुये वरिष्ठ पत्रकारों से इन मुद्दों पर समिति को सपोर्ट करने की मांग की। लेकिन उपस्थित वरिष्ठ पत्रकारों ने समिति की मांग का विरोध करते हुये पत्रकारों को ही भला-बुरा सुनाया। दिनकर रायकर ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में पत्रकार अब गरीब नहीं रहे। कुमार केतकर ने मिडिया पर गैरजिम्मेदार, कम पढ़े-लिखे और लेज़ी होने का आरोप लगाया।
कार्यक्रम की शुरुआत में सांसद शिवाजीराव आढळराव पाटिल ने महाराष्ट्र में पत्रकारों के उपर बढ़ते हमलों की निंदा की। इस विषय पर कानून की मांग करते हुए शिवाजीराव ने कहा कि उन्होनें पत्रकार सुरक्षा विषय पर एक प्राइवेट बिल लोकसभा में पेश करने का प्रयास किया था। लेकिन उस बिल पर चर्चा नही हो सकी। महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर दिलीप वलसे पाटिल ने पत्रकारों की मांगो को पूरा करने के लिए हर संभव कोशिश करने का आश्वासन दिया। कार्यक्रम के अंत में एसएम देशमुख ने कहा कि महाराष्ट्र के पत्रकार, सुरक्षा कानून और पेन्शन की मांग कर रहे हैं उम्मीद है कि सरकार को शीघ्र ही इस विषय पर कानून बनाना पड़ेगा।