खबर है कि पुण्य प्रसून बाजपेयी ने जी नेटवर्क से इस्तीफा दे दिया है। बताया जाता है कि 27 नवंबर के उनके विवादास्पद बुलेटिन के बाद जब उनकी चारों तरफ आलोचना होने लगी तो उन्होंने मैनेजमेंट से अगले दिन के बुलेटिन मे अपना स्टैंड इस पचड़े से अलग रखने की कही, लेकिन सीईओ आलोक अग्रवाल और मालिकान इस बात पर अड़े रहे कि उऩ्हें अपने 'आपातकाल' वाले कदम पर ही कायम रहना होगा।
बताया जाता है कि मालिकों ने पुण्य प्रसून को साफ संकेत दे दिया था कि अगर वृंदावन में रहना है तो राधे-राधे कहना होगा, यानी जी न्यूज पर मंगलवार को उन्होंने हाथ मलते हुए जिस आपातकाल की घोषणा की थी उसपर न सिर्फ कायम रहना होगा, बल्कि उसे आगे भी बढ़ाना होगा। सूत्रों का कहना है कि पुण्य प्रसून इसके लिए तैयार नहीं हुए।
उधर सोशल नेटवर्किंग वेबसाईटों फेसबुक और ट्वीटर पर उनकी जमकर आलोचना हुई ही, वरिष्ठ पत्रकारों ने भी उन्हें झिड़क दिया। फेसबुक पर तो उनकी इतनी निंदा हुई कि उन्हें वहां से गायब होना पड़ गया। अब फेसबुक पर पुण्य प्रसून का प्रोफाइल ढूंढे नहीं मिल रहा। संभवतः उन्होंने अपना प्रोफाइल अस्थाई तौर पर डिएक्टिवेट कर दिया है। 27 नवंबर के बाद 28 नवंबर के बुलेटिन ‘बड़ी खबर से भी वे गायब रहे।
भड़ास4मीडिया ने उनका पक्ष जानने के लिए कई बार उनसे फोन पर बात करने की कोशिश की, लेकिन उनका फोन लगातार बजता रहा और किसी ने रिसीव नहीं किया।