Connect with us

Hi, what are you looking for?

No. 1 Indian Media News PortalNo. 1 Indian Media News Portal

विविध

साहब-सेवक संवाद: राम भरोसे बोला आप पत्रकार हो, जरा सोंच समझ कर बोला करो

विवाद कभी खत्म नहीं होते। उन स्थितियों में तो कभी खत्म नहीं होंगे जब दोनों पक्षों में एक भी झुकने को तैयार नहीं हो। इस हफ्ते फिर राम भरोसे से जम कर लड़ाई हुई। मैं कह रहा था कि नेताओं का कोई भरोसा नहीं। उनकी जिंदगी बेहद अनिश्चित होती है। पता नहीं, अगला चुनाव जीतें या न जीतें। राम भरोसे बोला कौन से जन्म की बातें करते हैं। अगर नेता एक्सपर्ट है तो वह चुनाव जीतेगा ही। इस पार्टी में नहीं तो उस पार्टी में ही सही।

विवाद कभी खत्म नहीं होते। उन स्थितियों में तो कभी खत्म नहीं होंगे जब दोनों पक्षों में एक भी झुकने को तैयार नहीं हो। इस हफ्ते फिर राम भरोसे से जम कर लड़ाई हुई। मैं कह रहा था कि नेताओं का कोई भरोसा नहीं। उनकी जिंदगी बेहद अनिश्चित होती है। पता नहीं, अगला चुनाव जीतें या न जीतें। राम भरोसे बोला कौन से जन्म की बातें करते हैं। अगर नेता एक्सपर्ट है तो वह चुनाव जीतेगा ही। इस पार्टी में नहीं तो उस पार्टी में ही सही।

विवाद की बात तब शुरू हुई जब मैंने कहा कि नेताओं की कम मुसीबत नहीं होती है। बेचारे अपनी इतनी मेहनत की कमाई चुनाव में खर्च कर देते हैं। जितनी तनख्वाह नहीं मिलती उससे ज्यादा चुनाव में खर्च कर देते हैं। चुनाव में भी इस बात की गारन्टी नहीं होती कि जीत पायेंगे या फिर नहीं जीतेंगे। इसी उधेड़बुन में कब समय बीत जाता है उन्हें पता ही नहीं चलता। जब पता चलता है तब तक चुनाव सिर पर आ चुके  होते हैं। बहुत ही परेशानी भरी जिंदगी है इन नेताओं की।
    
राम भरोसे कुछ पल तो मेरे मुंह की तरफ देखता रहा फिर बोला आपको पत्रकार किसने बना दिया। धेला भर की भी जानकारी नहीं है आपको। या फिर जानकारी होने पर भी भोले बनने की कोशिश करते हैं आप। इन नेताओं को पता है कि राजनीति से अच्छी दुकान कहीं नहीं चल सकती इसलिए सब राजनीति को अपनी दुकान बनाये हुये हैं। बोला आप देख नहीं रहे हैं कि चुनाव से पहले क्या हैसियत होती है और चुनाव जीतते ही सम्पत्ति दस से बीस गुना बढ़ जाती है। भला ऐसा कौन सा कारोबार होगा जिसमें पांच सालों में इतना बढिया टर्न ओवर हो।
    
मैंने
फिर कहा कि कितनी मेहनत करते हैं राजनेता। तब जाकर जीत हासिल होती है। रामभरोसे बोला काहे की मेहनत। सब गुणा-भाग किये रहते हैं। सिर्फ तिकड़मों से चुनाव जीतने की रणनीति बनाये रहते हैं। अगर वास्तव में मेहनत करें तो क्षेत्र का विकास करवा सकते हैं। मगर इन सब बातों से उन्हें मतलब कहां। उन्हें तो बस कहीं से भी चुनाव जीतने का फार्मूला चाहिए जो वह हासिल कर ही लेते हैं।
    
मैंने कहा कि ऐसा नहीं है। अगर सब ऐसा कर लेते तो सब चुनाव जीत जाते। राम भरोसे बोला भले ही सब ऐसा न कर पाते हों। पर अधिकांश लोग तो ऐसा ही करने में जुटे हैं। पांच साल तक सिर्फ अपने क्षेत्र की जनता को मूर्ख बनाते हैं। पैसा कमाने के नये-नये रास्ते ढूंढ़ते हैं और फिर दौलत का बेशुमार ढेर लगाते हैं। मैंने कहा कि इस तरह की बकवास तो कोई भी कर सकता है।
    
पलट कर राम भरोसे बोला कि किसी भी सांसद के बारे में जरा तफसील से मालूम कर लीजिए। सांसद निधि में बीस से पचास प्रतिशत तक कमीशन लेना मामूली बात हो गयी है। इसके अलावा विकास के जो काम आते हैं, उसमें ठेकेदारी नेताजी के लोग करते हैं या फिर उनके कहने पर किसी और को ठेका दिया जाता है। जाहिर है इसमें भी उनका हिस्सा होता है।
    
मैंने कहा कि सब बेईमान नहीं होते। पार्टियों में नैतिकता होती है। वह अपने सांसदों पर निगाह रखती हैं। इस तरह की लूट किसी को मचाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। राम भरोसे बोला कौन सी पार्टी की बात आप कर रहे हैं। राष्ट्रीय पार्टियों का कौन सा ईमान बचा है। सब कुर्सी बचाने के लिए अपनी सारी नैतिकता को दांव पर लगाये हुये हैं। मैंने कहा कि ऐसा नहीं है। कांग्रेस और भाजपा दोनों राष्ट्रीय पार्टियां हैं। यह सिद्धांतों पर चलती हैं। इनके यहां भ्रष्टाचार इतनी आसानी से नहीं किया जा सकता।
    
राम भरोसे बोला आपसे तो कोई बात करनी ही बेकार है। जरा कुछ इतिहास-भूगोल मालूम कर लीजिए इन पार्टियों का, फिर बात कीजिए। कांग्रेस के दिवंगत प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने अपनी सरकार कैसे बचाई थी किसको नहीं पता। झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के सांसदों को ब्रीफकेस भर-भर के कैसे पहुंचाये गये थे यह सबको पता है। वह तो सीबीआई अगर दबाव में नहीं होती तो अब तक कांग्रेस के कई जाने-माने नेता जेल में होते।
    
कांग्रेस का लम्बा इतिहास रहा है जब उसने दूसरी पार्टी के नेताओं को सिर्फ इसलिए अपने साथ जोड़ा कि उसे किसी भी तरह सत्ता हासिल हो सके। मैं चुप था समझ नहीं आ रहा था कि क्या बोलं। फिर मैंने कहा कि ऐसा नहीं है कि सब पार्टियां ऐसी हों। देख लो भाजपा कितनी ईमानदारी के साथ अपने प्रत्याशी तय कर रही है। मेरी तरफ गुस्से से देखते हुये बोला कि भाजपा ने तो कांग्रेस को काफी पीछे छोड़ दिया। इस बार के लोकसभा चुनाव में लडने वाले प्रत्याशियों की सूची देखें तो खुद शर्म आयेगी। एक से बढ़ कर एक लुटेरे, हत्यारे, अपहरणकर्ता और भ्रष्टाचारी भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं।
    
बहुत दुखी होकर बोला कि कार्यकर्ता दिन-रात एक करके पार्टी को मजबूत बनाने में जुटे रहे और आखिरी वक्त पर ऐसे लोगों को टिकट दे दिया जो सालों से पार्टी का विरोध खुलेआम करते रहे थे। गिरगिट को भी मात कर दिया इन नेताओं ने। काहे की नैतिकता और कैसी नैतिकता। हकीकत यह है कि इन राजनेताओं का कोई चरित्र और ईमान अब बचा नहीं है। किसी भी तरह कुर्सी हासिल करना इनका इकलौता उद्देश्य रह गया है और इसके लिए यह लोग किसी भी हद तक जा सकते हैं। राम भरोसे बोला आप पत्रकार हो जरा सोच समझ कर बोला करो आप मीडिया वालों की स्थिति भी कोई बहुत ज्यादा अच्छी नहीं बची है। पूरा देश जानता है कि कांग्रेस और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
    
मैं उसकी बातें सुन कर हैरान और अवाक था। समझ ही नहीं आ रहा था कि उसकी बातों का क्या जवाब दिया जाये। मन ही मन दुःखी भी था कि अब हालात ऐसे हो गये हैं कि आम आदमी यह तय ही नहीं कर पाता कि वह चुनाव में किसको वोट दे। सभी लोग एक ही थाली के चट्टे-बट्टे नजर आते हैं। मैंने बड़ी कोशिश करी कि राम भरोसे की बातों का कोई जवाब दे सकूं मगर मुझे कोई जवाब नहीं सूझा। अगर आप लोगों को कोई जवाब सूझे तो बताइयेगा।

 

लेखक संजय शर्मा लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार और वीकएंड टाइम्स के संपादक हैं।

इसको भी पढ़ें: http://bhadas4media.com/vividh/17224-ram-bharose-chor-chor.html

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

… अपनी भड़ास [email protected] पर मेल करें … भड़ास को चंदा देकर इसके संचालन में मदद करने के लिए यहां पढ़ें-  Donate Bhadasमोबाइल पर भड़ासी खबरें पाने के लिए प्ले स्टोर से Telegram एप्प इंस्टाल करने के बाद यहां क्लिक करें : https://t.me/BhadasMedia 

Advertisement

You May Also Like

विविध

Arvind Kumar Singh : सुल्ताना डाकू…बीती सदी के शुरूआती सालों का देश का सबसे खतरनाक डाकू, जिससे अंग्रेजी सरकार हिल गयी थी…

सुख-दुख...

Shambhunath Shukla : सोनी टीवी पर कल से शुरू हुए भारत के वीर पुत्र महाराणा प्रताप के संदर्भ में फेसबुक पर खूब हंगामा मचा।...

विविध

: काशी की नामचीन डाक्टर की दिल दहला देने वाली शैतानी करतूत : पिछले दिनों 17 जून की शाम टीवी चैनल IBN7 पर सिटिजन...

प्रिंट-टीवी...

जनपत्रकारिता का पर्याय बन चुके फेसबुक ने पत्रकारिता के फील्ड में एक और छलांग लगाई है. फेसबुक ने FBNewswires लांच किया है. ये ऐसा...

Advertisement