सहारा वाले हर वक्त किसी न किसी से भिड़े रहते हैं. कभी किसी अफसर से, कभी किसी संस्था से. कभी सेबी से. कभी अदालत से. कभी इनकम टैक्स वालों से. आजकल एक किताब से लड़ाई लड़ रहे हैं. 'सहारा : द अनटोल्ड स्टोरी' नामक किताब से ये सहारा वाले इतने नाराज हैं कि इसके लेखक पत्रकार तमल बंदोपाध्याय पर दो सौ करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा कर दिया है. साथ ही किताब मार्केट में न आ जाए, इसके लिए एहतियात बरतते हुए सहारा वाले कोलकाता हाईकोर्ट से स्टे आर्डर ले आए हैं.
मजेदार है कि कोलकाता हाईकोर्ट ने स्टे उस वक्त दे दिया सहारा को जब सुप्रीम कोर्ट लगातार सहारा के खिलाफ कड़ी से कड़ी टिप्पणियां कर रहा है. किताब को लेकर सहारा की बेचैनी से ये समझा जा सकता है कि किताब में काफी कुछ ऐसा है जिससे सहारा वालों के फ्राड की कहानी सामने आ रही है. इसी कारण सहारा की कोशिश है कि किताब किसी हालत में मार्केट में न आ पाए. सरकारी संस्थाओं की कमजोरियों, कमियों का फायदा उठाकर और पूरे सिस्टम को धनबल के प्रभाव से करप्ट कर सहारा वाले काफी दिनों से राज कर रहे हैं लेकिन हाल के दिनों में इनकी हालत काफी खस्ता है. सेबी से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में इनकी पूंछ दबी हुई है और अब न उगलते बन पड़ रहा है और न ही निगलते. देखना है कि बकरे की मां कितने दिन तक खैर मनाती है.