सहारा क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटी लिमिटेड द्वारा कथित रूप से की जा रही अनियमितताओं के सम्बन्ध में आज इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में एक पीआईएल दायर की गई है। आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने इस पीआईएल में कहा है कि सहारा क्रेडिट का पंजीयन बहु-राज्य सहकारी सोसायटी अधिनियम 2002 के अंतर्गत पंजीयन संख्या यूपी 35 पर किया गया है। सहकारी संस्थाओं का उद्देश्य, समान उद्देश्य वाले व्यक्तियों द्वारा अपने संसाधनों का एक साथ उपयोग कर कुछ सामूहिक हितों की सिद्धि करना होता है।
इसके विपरीत सहारा क्रेडिट द्वारा सहारा ई शाइन, सहारा ए सेलेक्ट, सहारा माइनर, सहारा एम बेनिफिट तथा सहारा यू गोल्डन जैसी स्कीमों के माध्यम से पूँजी निवेश किया जा रहा है। इनमें से प्रत्येक स्कीम सहारा इंडिया के कार्यकर्ताओं के जरिये संचालित की जा रही है, जिनमे डिपोजिट की समयावधि, ब्याज दर आदि की बातें कही गयी हैं।
याचिकाकर्ताओं के अनुसार यह जनता के पूँजी निवेश के लिए बनाए गए क़ानून से बचने का एक तरीका जान पड़ता है। इससे निवेशकों के हितों को वास्तविक खतरा है। अतः उन्होंने इस सम्बन्ध में जांच करा कर पूँजी निवेश के सम्बन्ध में देश में प्रचलित समस्त कानूनों का पूर्ण अनुपालन कराये जाने हेतु आदेश किये जाने की न्यायालय से प्रार्थना की है।
अमिताभ ठाकुर और डॉ. नूतन ठाकुर द्वारा दायर पीआईएल को इस लिंक पर पढ़ा जा सकता हैः http://amitabhandnutan.blogspot.in/2014/03/copy-of-pil-regarding-sahara-credit.html