Shambhunath Shukla : क्या दसवीं में पढऩे वाली सोलह साल की एक लड़की इतनी परिपक्व होती है कि कानून उसे यौन संबंध बनाने की अनुमति दे। अभी ज्यादा दिन नहीं गुजरे होंगे जब शारदा एक्ट बना था और लड़कियों के लिए विवाह की उम्र 19 साल तय की गई थी। अब अचानक खुद सरकार बच्चियों को यौन संबंध बनाने के लिए उकसाने में जुटी है।
इससे बलात्कारियों, कच्ची उम्र की लड़कियों को बहला-फुसलाकर यौन संबंध बनाने वालों के वारे न्यारे हो जाएंगे। इससे तो अच्छा है कि कम उम्र की लड़कियों की शादी रचा देने वाले राजस्थानी समाज की जय-जयकार की जाए। कम से कम शादी के बाद एक भरोसा तो रहता है कि लड़की को कोई बरगला नहीं पाएगा। यह एक तरह सेक्स लोलुप पुरुषों के लिए बनाया जाने वाला वैध रास्ता होगा।
वरिष्ठ पत्रकार शंभुनाथ शुक्ला के फेसबुक वॉल से.