सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय ने आज सुबह मीडिया और जजों के नाम एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है के वो फरार नहीं हैं। कल जब पुलिस उन्हें ढूंढ रही थी तो वे अपनी मां के इलाज के सिलसिले में और एक वकील से मिलने लखनऊ के बाहर गए हुए थे। उन्हें परिवार द्वारा पता चला के पुलिस उनके घर आयी थी और उसके बाद से पूरे देश का मीडिया उनके पीछे पड़ा हुआ है।
रॉय ने कहा है कि वे ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जो क़ानून से भागे। उन्होंने 2012 के सुप्रीम कोर्ट के दो आदेशों का हवाला देते हुए कहा के कोर्ट ने उनके खिलाफ कोई निर्देश नहीं दिया है(ये अलग बात है कि उन्होने 26 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी ग़ैर-ज़मानती वारंट के आदेश का जिक्र नहीं किया)।
मीडिया को कोसते हुए रॉय ने कहा के उन्हें बहुत क्षोभ है कि कुछ नेगेटिव माइंडेड पत्रकार जिन्हे कुछ समय सहारा के निकाल दिया गया था, वे मीडिया में उनके खिलाफ विषवमन कर रहे हैं। वे एक ऐसे बेटे का चरित्र हनन कर रहे हैं जो अपनी वृद्ध और बीमार माँ कि सेवा कर रहा है।
रॉय ने कहा के बहुत से लोगों ने उन्हें सलाह दी है कि अस्पताल में भर्ती हो जाओ, जैसा के और लोग अदालत से बचने के लिए करते हैं। लेकिन वे ऐसा नहीं करेंगे, उन्हें ऐसी ड्रामेबाज़ी पसंद नहीं है। उन्होंने लखनऊ पुलिस को सूचित कर दिया है कि वो सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार कार्यवाही करे।
उन्होंने कहा कि वो लखनऊ में ही हैं और अपने दोनों हाथ जोड़ कर माननीय जजों और माननीय सुप्रीम कोर्ट से अपील कर रहे हैं के उन्हें 3 मार्च तक घर में नज़रबंद कर उनकी बीमार माँ के पास ही रहने दिया जाए।
अंत में सब कुछ माननीय जजों के ऊपर छोड़ते हुए उन्होंने कहा के अगर वे उन्हें आज ही दिल्ली बुलाते हैं तो वे चले जायेंगे। उन्हें जो भी करने का निर्देश दिया जायेगा वो उसका बिना शर्त पालन करेंगे।