सुप्रीम कोर्ट ने आज तिहाड़ जेल में बंद सुब्रत राय की याचिका रद्द करते हुए अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया। सुप्रीम सोर्ट ने कहा कि हम आपकी जमानत याचिका पर तभी विचार करेंगे जब निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए कोई ठोस प्रस्ताव पेश करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि जब तक निवेशकों का पैसा लौटाने का कोई ठोस प्रस्ताव नहीं आता है तब तक सुब्रत रॉय और कंपनी के डायरेक्टरों की रिहाई नहीं होगी। सुब्रत राय की ज़मानत याचिका पर सुनवाई अब 25 मार्च को होगी।
इससे पहले बधवार को सुब्रत रॉय की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दायर कर उनकी तिहाड़ में बंदी के जस्टिस केएस राधाकृष्णन और जस्टिस जगदीश सिंह खेहर की पीठ के 04.03.2014 के आदेश की संवैधानिकता को चुनौती दी गई थी। पिटीशन में कहा गया था कि सुब्रत रॉय को न तो किसी अपराध का दोषी पाया गया है न ही उन्हे कोई सज़ा सुनाई गई है, ऐसे में तिहाड़ में उनकी बंदी असंवैधानिक है। सुब्रत रॉय को 4 मार्च को निवेशकों के 20,000 करोड़ लौटाने के मामले में चल रही कंटेम्प्ट की कार्यवाही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जेल भेज दिया गया था।
मामले की पिछली सुनवाई, 7 मार्च, में सुप्रीम कोर्ट ने ये कहते हुए कि पहले आप निवेशकों का 20,000 हज़ार करोड़ लौटाने के लिए कोई ठोस प्लॉन पेश कीजिए, सुब्रत रॉय को ज़मानत देने से इंकार कर दिया था। इस मामले में 11 मार्च को होने वाली सुनवाई स्थगित कर दी गई थी।