नई दिल्ली, 25 फरवरी। सुप्रीम कोर्ट ने आज सहारा समूह प्रमुख सुब्रत रॉय के न्यायालय में 26 फरवरी को व्यक्तिगत रूप से हाज़िर होनो से बचने के लिए दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया। सुब्रत राय की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने कहा कि उनके क्लाइन्ट बकाया रकम का भुगतान करेंगे, उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने से मोहलत दी जाए। इस पर जस्टिस केएस राधाकृष्णन और जेएस केहर की बेंच ने कहा "यह सिर्फ कोर्ट के सम्मान का मामला नहीं है, बल्कि कई जज और वकील इसमें मिले हुए हैं। हमारे आदेश का पालन नहीं हो रहा है।" इसी के साथ, बेंच ने सुब्रत रॉय की अर्जी खारिज कर दी।
20 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट की इसी बेंच ने न्यायालय के आदेश के बावजूद निवेशकों का 20,000 करोड़ रुपये नहीं लौटाने के लिए सहारा समूह के खिलाफ कड़ी नाराजगी जाहिर की थी। बेंच ने रॉय और समूह की दो कंपनियों सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसआईआरईसी) और सहारा इंडिया हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन (एसएचआईसी) के निवेशकों रविशंकर दुबे, अशोक रॉय चौधरी और वंदना भार्गव को व्यक्तिगत रूप से 26 फरवरी को न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया था।