सुनीलजी की कर्म स्थली केसला में (इटारसी से २० किमी) ५ मई को उनकी अस्थियों का विसर्जन उनके निवास स्थान पर स्थित जलाशय में किया जाएगा. इस दिन उनके और उनके साथी जनारायण और किशनजी की याद में एक सम्मेलन भी रखा है. इस सम्मलेन में उनके काम को आगे बढ़ाने के बारे में विचार होगा. आप लोग ५ मई सुबह या ४ मई की रात तक केसला पहुंचें. स्थानीय साथियों का हौसला बढ़ाएं. केसला इटारसी स्टेशन से २० किमी दूर है. अपने आने और जाने के समय की सूचना दें. अपने साथ ओढने के लिए चादर ले आएं, यहाँ हल्की-फुल्की व्यवस्था रखेंगे.
सुनील आधुनिक युग के गांधी थे. जो कहा, वही जिया. ३४ साल पहले, १९८० में अपने राजनैतिक गुरु किशन पटनायक के साथ समता संगठन में जुड़ 'वैकल्पिक राजनीति' का सपना देखा. जब शहर का बुद्धिजीवी और कार्यकर्ता इसे समझने और अपनाने को तैयार नहीं था, तब वो अपने साथी राजनारायण के साथ इस प्रयोग को करने के लिए १९८४ से स्थायी रूप से केसला आकर रहने लगे. १९९० में राजनारायण और २००४ में किशनजी की मृत्यु हो गई. और भी कई साथियों ने कई कारणों से उनका साथ छोड़ा, लेकिन वो अपने पथ पर अविरल चलते रहे. उनकी तमन्ना थी, लोकसभा चुनाव के बाद देश के बदलते राजनैतिक हालत को लेकर देश के जनसंगठन एक बार फिर एक हों. इस बात को लेकर वो अपने अंतिम दिनों तक बैचैन थे. इस पत्र को उनसे जुड़े साथियों तक प्रसारित करें.
अनुराग मोदी
sasbetul@yahoo.com
09425041624
fagram 07869717160
rajendra 0942447101
अग्रेसित :
किसान आदिवासी विस्थापित एकता मंच।
सिंगरौली, मध्य प्रदेश।
प्रेस विज्ञप्ति