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सुचित्रा सेन का जाना……जिंदगी एक दिन यह भी मोड लाती है

कोलकाता के एक अस्पताल में सुचित्रा सेन की तबीयत बिगड़ने के संकेत मिलने लगे थे। डीएनए की ट्वीट ने अस्पताल से शीघ्र ही स्वस्थ वापस आने की बात कह कर एक उम्मीद बाकी रखी थी। लेकिन दीवानों की यह खुशी का ठिकाना पल भर में काफूर होने को था। आल इंडिया रेडियो का ट्वीट बुरी खबर लेकर आया कि अभिनेत्री अब भी ख़तरे से बाहर नहीं। वक्त के साथ उनकी हालत पल-पल बिगड़ रही थी। इधर हमारी धडकनें भी उनको लेकर असमंजस में होने लगी। चाहने वाले सुचित्रा के लिए दुआएं लेकर ट्वीट कर रहे थे। इस सबके बीच में नाउम्मीद कर देने वाली बातें भी चल रही थीं। एक समाचार चैनल का ट्वीट आया कि सुचित्रा जी के ठीक हो जाने की अब बहुत कम उम्मीद है। जी में आया कि खबरिया को तुरंत हटा दूं लेकिन खबर तो फिर भी अपने जगह कायम थी। हम फिर भी दीवानों की तरह रब को मनाने में लीन रहे, बुरी खबर को टालने की कोशिश में। जितेश पिल्लई को मन ही मन धन्यवाद देता रहा कि बंदे ने हमारी दुआओं का खूब साथ दिया। जितेश ने खुदा से बस इतना मांगा कि सुचित्रा ठीक जाएं। दीवाने दुआओं में होकर करवटें बदलते रहे, ना जाने कब आंखों में अंधेरा-उजाला लेकर नींद में हो लिए पता ही नहीं चला।

कोलकाता के एक अस्पताल में सुचित्रा सेन की तबीयत बिगड़ने के संकेत मिलने लगे थे। डीएनए की ट्वीट ने अस्पताल से शीघ्र ही स्वस्थ वापस आने की बात कह कर एक उम्मीद बाकी रखी थी। लेकिन दीवानों की यह खुशी का ठिकाना पल भर में काफूर होने को था। आल इंडिया रेडियो का ट्वीट बुरी खबर लेकर आया कि अभिनेत्री अब भी ख़तरे से बाहर नहीं। वक्त के साथ उनकी हालत पल-पल बिगड़ रही थी। इधर हमारी धडकनें भी उनको लेकर असमंजस में होने लगी। चाहने वाले सुचित्रा के लिए दुआएं लेकर ट्वीट कर रहे थे। इस सबके बीच में नाउम्मीद कर देने वाली बातें भी चल रही थीं। एक समाचार चैनल का ट्वीट आया कि सुचित्रा जी के ठीक हो जाने की अब बहुत कम उम्मीद है। जी में आया कि खबरिया को तुरंत हटा दूं लेकिन खबर तो फिर भी अपने जगह कायम थी। हम फिर भी दीवानों की तरह रब को मनाने में लीन रहे, बुरी खबर को टालने की कोशिश में। जितेश पिल्लई को मन ही मन धन्यवाद देता रहा कि बंदे ने हमारी दुआओं का खूब साथ दिया। जितेश ने खुदा से बस इतना मांगा कि सुचित्रा ठीक जाएं। दीवाने दुआओं में होकर करवटें बदलते रहे, ना जाने कब आंखों में अंधेरा-उजाला लेकर नींद में हो लिए पता ही नहीं चला।

 
सुबह
हुई ! सुचित्रा जी का ख्याल बरबस ही आ धमका…उनको लेकर अब भी खबरें रात की बात रिपीट कर रही थी। सब ठीक न होने के संकेत अब भी जारी थे। फोर ए चेंज पुराने जमाने के मशहूर गीतों को सुनने लगा। गुलजार की फिल्म ‘आंधी’ का ख्याल आया। नजरें फिर से न्युजबोर्ड पर आमदा थी। एक मशहूर हस्ती ने ट्वीट किया कि ‘सुचित्रा सेन नहीं रहीं!’ क्या वास्त्व में वो नहीं रहीं? हां अब वो जा चुकी थीं।  खबरें व प्रतिक्रियाएं इसकी रह-रह कर तस्दीक करती रहीं कि गुजरे जमाने की मशहूर अदाकारा का इंतकाल हो गया है। फेसबुक में लोगों की वाल पर अभिनेत्री को खैरबाद कहने का सिलसिला चल निकला। अविनाश दास ने गुलजार के बोल से भावनात्मक इज़हार किया। हर एक ट्वीट में अब उनकी ही बातें पढ़ने को मिली। उनसे जुडी तस्वीर अपलोड करके श्रदांजली देने का काम भी हुआ। कुछ लोगों ने उनके चुनिंदा गानों के विडियो से बात कही। अरविन्द गौड ने सुचित्रा जी के मशहूर किरदारों का नाम लेकर ट्वीट किया। अब उनकी फिल्मों व किरदारों को लेकर बातें भी आ रही थी। बांगला व हिन्दी फिल्मों की जानी-मानी फिल्मों का जिक्र होना लाजिमी था। अमिताभ बच्चन का ट्वीट आया कि कला, खूबसुरती व रहस्य की मिसाल को जमाना याद रखेगा। सच ही कहा क्योंकि गुलजार की ‘आंधी’ में आरती देवी का किरदार आज भी याद आता है। केवल राजनीतिक वजहों को शुक्रिया नहीं कहूंगा। आप ही विचार करें कमलेश्वर, गुलजार के साथ-साथ राहुल देव बर्मन, किशोर कुमार, लता जी का शुक्र अदा करना तो बनता है। संजीव-सुचित्रा को टाप फार्म की अदाकारी में देखना चाह रहें तो फिल्म देखें। राजीव सारदेसाई ने यह कहकर हमें खुश कर दिया कि वो भी आंधी जरूर देखेंगे। गुलजार की फिल्म के बाद सार्वजनिक जीवन को खैरबाद कहा तो फिर नहीं लौटी। इस खास प्रवृत्ति की वजह से उनकी तुलना स्वीडीस तारिका गारबो से भी की जाती है। रामकृष्ण मिशन की महान भक्त सुचित्रा बाकी जिंदगी भक्ति में लीन रहीं।
 
बांगला
फिल्मों से सिनेमा में आने वाली सुचित्रा ने ज्यादातर यहीं की होकर रहीं। बांगला फिल्मों के मशहूर अदाकार उत्तम कुमार संग एक से बढकर हिट फिल्में करना नसीब हुआ था। हिन्दी फिल्मों में दिलीप कुमार के साथ ‘देवदास’ को सभी जानते हैं। बिमल राय की इस महान प्रस्तुति का हरेक किरदार आज एक लिजेंड हो चुका है। सुचित्रा सेन की हिन्दी फिल्मों पर रोशनी डालने वाला ट्वीट मधुर भंडारकर की ओर से भी आया। साठ के दशक के शुरुआती साल सुचित्रा की जिंदगी में काफी नाम व शोहरत लेकर आए। इन सालों में सौमित्र चैटर्जी के साथ बनी एक फिल्म ने उन्हें मास्को अंतराष्ट्रीय फिल्म सामारोह में बेहतरीन अभिनय के लिए अवार्ड दिया। आज भी यह बात मायने रखती है। किसी भी भारतीय नायिका के लिए यह फक्र की बात होगी । दिबांग ने भी अभिनेत्री की याद में इस अवार्ड का जिक्र किया था। सुचित्रा सेन की खबर ने सभी लोगों को प्रभावित किया है। सुचित्रा सेन का जाना यह कह गया कि जिंदगी एक दिन यह भी मोड लाती है… इस मोड से हम जाते हैं।

 

सैयद एस. तौहीद

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