पूरब के ऑक्सफोर्ड, इलाहाबाद विश्वविद्यालय में आजकल अनुशासनहीनता का बोलबाला है। कुछ छात्रों की दबंगई के चलते गुरुजनों से अभद्रता की कई घटनाएं हो चुकीं है। इनसे सबक लेते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने जिला प्रशासन से सहयोग माँगा। इसके बाद विश्वविद्यालय के सभी प्रवेश द्वारों तथा अन्य महत्त्वपूर्ण स्थानों पर पुलिस तैनात की गयी। विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश के लिए परिचय-पत्र दिखाना भी अनिवार्य कर दिया गया।
कल दोपहर पत्राचार विभाग का एक छात्र बिना परिचय-पत्र दिखाए विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश करने का प्रयास कर रहा था। सुरक्षाकर्मी नें उसे रोका तो वह उससे से भिड़ गया। उसी समय वहाँ सहायक कुलानुशासक आ गए, उन्होंने उस छात्र को समझाने का प्रयास किया। छात्र ने उनकी बात अनसुनी कर दी और एक पुलिसवाले के सहयोग से परिसर में प्रवेश कर गया। सहायक कुलानुशासक ने पुलिसवाले के इस व्यवहार पर आपत्ती जतायी तो उसने उनसे से अभद्रता की और गाली-गलौच भी किया। इस मामले की शिकायत जब विश्वविद्यालय के चौकी प्रभारी से बात की गयी तो वह भी पुलिस वाले के पक्ष में खड़े हो गये। चौकी प्रभारी नें भी कुलानुशासक से अभद्रता की।
ऐसे माहौल में विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर भी स्वयं को अपमानित और असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। विश्वविद्यालय के कुलपति अवकाश लेकर भ्रमण कर रहे हैं। उनकी उदसीनता के चलते पिछले तीन वर्षों में विश्वविद्यालय में एक भी निर्माण कार्य नहीं हुआ है। लोगों का मानना है के इन बातों के चलते विश्वविद्यालय की गरिमा कम हुई है।
उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार में कानून-व्यवस्था की स्थिति बहुत खराब है। पुलिस और माफिया दोनों में अन्तर करना कठिन होता जा रहा है। बिगड़े माहौल का असर शिक्षा संस्थानों पर भी पड़ रहा है। पत्रकार बंधुओं से उम्मीद है कि वे ऐसी घटनाओं की आलोचना करेंगे और इनकी पुनरावृत्ति न हो इसके लिए माहौल बनानें में सहयोग करेंगे।
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