वाराणसी: शहर के व्यस्ततम चौराहे पर पुलिसवालों ने अपनी घायल महिला रिश्तेदार को अपने घर ले जाने की कोशिश कर रहे दो पत्रकारों के साथ न केवल अभद्रता की, बल्कि भरे-बाजार उनकी जमकर पिटाई भी कर दी। पत्रकारों के साथ हुए इस हादसे से खफा पत्रकारों ने यह पूरा मामला एसएसपी के सामने पेश किया। लेकिन इसके पहले कि इस मामले पर कोई कार्रवाई शुरू होती, शहर के कुछ दलाल पत्रकारों ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के साथ काना-फूंसी की और मामला हमेशा-हमेशा के लिए रद्दी की टोकरी तक चला गया।
यह मामला है काशी का। यहां के दलाल पत्रकारों ने दरअसल काशी की पत्रकारिता के चेहरे पर कालिख पोत डाली है। हैरत की बात है कि यह काम किसी और किसी ने नहीं, बल्कि उनमें से कुछ पत्रकार तो इन्हीं पीडि़त पत्रकार के संस्थान में बड़े पत्रकार माने जाते हैं।
आपको बता दें कि अभी करीब दस दिन पहले दशाश्वमेध घाट की ओर जाने वाले गोदौलिया चौराहे पर यह हादसा हुआ था। हुआ यह कि जनसंदेश टाइम्स के रिपोर्टर संदीप त्रिपाठी बुरी तरह से घायल अपनी माता को अस्पताल से लौट कर अपने घर ले जा रहे थे। दशाश्वमेध घाट निवासी संदीप त्रिपाठी की माता का एक दुर्घटना में पैर बुरी तरह टूट गया था। गोदौलिया चौराहे पर जैसे ही उनकी कार दशाश्वमेध घाट की ओर बढ़ी, चौराहे पर खड़े सिपाहियों ने उनकी कार रोकी और अभद्रता करते हुए उन्हें वापस लौटने पर दबाव बनाया। जब संदीप त्रिपाठी ने अपनी माता की हालत बताते हुए घर जाने की इजाजत मांगी, तो उन पुलिसवालों ने उन्हें बुरी तरह लाठियों से पीट दिया। इसी बीच संदीप के संस्थान के चीफ रिपोर्टर राजनाथ त्रिपाठी मौके पर पहुंचे तो इन पुलिसवालों ने उनकी भी पिटाई कर दी।
इस घटना की सूचना पाकर काशी पत्रकार संघ के पदाधिकारी समेत पूरा पत्रकार जगत हक्का-बक्का हो गया और उन्होंने एसएसपी से मिल कर दोषी पुलिसवालों पर कार्रवाई की मांग की। वरिष्ठ पत्रकार अत्रि भरद्वाज और आर रंगप्पा बताते हैं कि इस शिकायत पर एसएसपी ने कार्रवाई का आश्वासन देते हुए कहा कि वे इस पूरे प्रकरण पर चौराहे पर लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को भी देखेंगे।
लेकिन अभी पता चला है कि एसएसपी ने इस मामले को कूड़े टोकरे में फेंक दिया है। कारण यह कि काशी के ही चंद पत्रकारों ने एसएसपी के कान पर यह खबर भर दी कि राजनाथ त्रिपाठी के मामले में कोई मामला ही नहीं बन रहा है। जनसंदेश टाइम्स के कई पत्रकारों ने बताया कि दरअसल एसएसपी को कान भरने वाले पत्रकार पुलिस के करीब रिश्तों के लिए बदनाम हैं। इतना ही नहीं, राजनाथ त्रिपाठी और संदीप त्रिपाठी के साथ इन पत्रकारों की खुली ठना-ठनी बनी रहती है। पत्रकार बताते हैं कि एसएसपी के साथ ऐसी कानाफूसी करने वाले पत्रकारों में जनसंदेश टाइम्स के साथ ही साथ उन लोगों की टोली भी शामिल है जो पत्रकारों के इस गिरोह के हम-प्याला बताये जाते हैं। इसीलिए एसएसपी ने अब इस प्रकरण को ठण्डे बस्ते पर डाल दिया है। हालांकि, कार्रवाई के नाम के लिए जांच का नाटक भी चल रहा है। जबकि इस प्रकरण के लिए जिम्मेदार दबंग पुलिसवाले अब तक इसी चौराहे पर धुंधुआ रहे हैं और जमकर वसूली में मस्त हैं।
लेखक कुमार सौवीर यूपी के वरिष्ठ और बेबाक पत्रकार हैं। संपर्क 09415302520