लखनऊ स्थित सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर द्वारा दायर भारत सरकार के स्तर पर डीएलएफ की मदद कर रोबर्ट वाड्रा को लाभ पहुँचाये जाने के आरोपों की जांच कराये जाने सम्बंधित रिट याचिका की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट, लखनऊ बेंच ने इस सम्बन्ध में ठाकुर द्वारा पूर्व में की गयी पीआईएल की पत्रावली तलब की. जस्टिस इम्तियाज़ मुर्तजा और जस्टिस विनय कुमार माथुर की बेंच ने मुकदमे की सुनवाई सोमवार (19 अगस्त) नियत की.
याचिका के अनुसार ठाकुर ने 09 अक्टूबर 2012 को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को इन आरोपों के सम्बन्ध में जांच कराने हेतु प्रत्यावेदन दिया जिस पर कोई कार्यवाही नहीं होने पर उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट, लखनऊ बेंच में रिट याचिका 8596/2012 दायर की गयी जो 03 मार्च 2013 को निस्तारित की गयी. ठाकुर को पीएमओ द्वारा आरटीआई में बताया गया कि उनका प्रत्यावेदन कार्यवाही हेतु विधि मंत्रालय भेजा गया है जिस पर ठाकुर ने 22 मार्च 2013 को विधि मंत्रालय को पत्र लिख कर कार्यवाही की मांग की. इसके बाद भी पीएमओ और विधि मंत्रालय के स्तर से कोई कार्यवाही नहीं हुई और इनके द्वारा आरटीआई में सूचना दिये जाने से भी लगातार इनकार किया जाता रहा. अब ठाकुर ने वाड्रा के खिलाफ आरोपों की जांच करा कर कानूनी कार्यवाही कराये जाने के लिए हाई कोर्ट से प्रार्थना की है.