लखनऊ से सपा के लोकसभा प्रत्याशी अभिषेक मिश्रा के नाम के आगे 'प्रोफेसर' लिखे पोस्टर, बैनर, पर्चे सभी जगह दिखाई दे रहे हैं। अभिषेक मिश्रा स्वयं को देश की प्रतिष्ठित संस्था आईआईएम अहमदाबाद का भूतपूर्व प्रोफेसर बताते आये हैं। पर हकीकत में अभिषेक मिश्रा आईआईएम अहमदाबाद में कभी प्रोफेसर रहे ही नहीं हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि कैसे अभिषेक मिश्रा सरीखे व्यक्ति जनता के समक्ष झूठे तथ्य रखकर अपने आप को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाते हैं और कभी विधान सभा पहुंच जाते हैं तो कभी लोक सभा के प्रत्याशी बनकर वोट मांगते दिखाई देते हैं। सारा सिस्टम मूकदर्शक बना मात्र तमाशा देखता रहता है, पर करता कुछ भी नहीं है।
एक आरटीआई के जवाब में आईआईएम अहमदाबाद से प्राप्त प्रपत्रों के अनुसार अभिषेक मिश्रा 27 फरवरी 2007 से 01 अक्टूबर 2009 तक की अल्प अवधि के लिए आईआईएम अहमदाबाद में असिस्टेंट प्रोफेसर रहे हैं न कि प्रोफेसर। अब सवाल यह है कि जब अभिषेक मिश्रा आईआईएम अहमदाबाद में कभी प्रोफेसर रहे ही नहीं हैं तो लखनऊ में लोकसभा चुनाव में अभिषेक मिश्रा को प्रोफेसर बताने वाले पोस्टर, बैनर, पर्चे बांटना या बंटवाना क्या जनता के साथ की जा रही धोखाधड़ी नहीं है? क्या चुनाव आयोग को इस मामले में अभिषेक मिश्रा को अयोग्य घोषित कर उनके खिलाफ धोखाधड़ी का आपराधिक मामला दर्ज नहीं कराना चाहिए?
आईआईएम अहमदाबाद, और उत्तर प्रदेश शासन से सामाजिक कार्यकर्ता और इंजीनियर संजय शर्मा और मेरे द्वारा दायर आरटीआई से प्राप्त प्रपत्रों से अभिषेक मिश्रा की डॉक्ट्रेट डिग्री पर भी संशय उत्पन्न हो रहा है। आईआईएम अहमदाबाद और उत्तर प्रदेश शासन के पास अभिषेक मिश्रा की डॉक्ट्रेट डिग्री नहीं है और चुनाव आयोग ने अभी तक हमारी आरटीआई का जवाब नहीं दिया है।
अभिषेक मिश्रा के सम्बन्ध में आईआईएम अहमदाबाद में दायर आरटीआई द्वारा प्राप्त प्रपत्रों से आईआईएम की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिन्ह भी लग रहे हैं जो आईआईएम और अभिषेक मिश्रा के मध्य दुरभिसन्धि होने की पुष्टि कर रहे है।
उर्वशी शर्मा
मोबाइल- 9369613513
आरटीआई में प्राप्त प्रपत्रों को डाउनलोड करने के लिए इन वेब लिंक्स पर क्लिक करें:
http://upcpri.blogspot.in/2014/04/rti-by-urvashi-sharma-reveals-abhishek.html
http://upcpri.blogspot.in/2014/04/rti-by-activist-sanjay-sharma-casts.html