नौसेना पनडुब्बी हादसे पर युवा संसद में जमकर हंगामा

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भोपाल। रूस निर्मित पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरत्न हादसे पर बहस के दौरान युवा संसद में जमकर हंगामा हुआ। रक्षामंत्री के जवाब से विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ। विपक्ष ने रक्षामंत्री के इस्तीफे की मांग की। महंगाई, कृषि और महिला अपराध के मामले भी विपक्ष ने जोर-शोर से उठाए। खास बात यह रही कि तमाम अवरोध के बाद भी युवा संसद की कार्रवाई चलती रही। आखिर में नए राज्य तेलंगाना के गठन पर सरकार की ओर से लाए गए विधेयक को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। यह नजारा था माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (एमसीयू) के सभाकक्ष का, जहां युवा संसद का आयोजन किया गया। इसमें विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।

पं. कुंजीलाल दुबे राष्ट्रीय संसदीय विद्यापीठ की ओर से एमसीयू में आयोजित युवा संसद में छात्रों ने सरकार और विपक्ष की भूमिका निभाई। मॉक संसद के प्रश्नकाल में नौसेना हादसा, बढ़ती महंगाई, रुपये की घटती साख, बलात्कार और महिला अपराध के साथ ही कई राष्ट्रीय मुद्दों पर बहस की गई। विपक्षी सांसद ने हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को भारतरत्न नहीं देने और हॉकी की अनदेखी कर क्रिकेट को प्राथमिकता देने पर विरोध दर्ज कराया। उन्होंने इस संबंध में खेलमंत्री से पूछे गए प्रश्न के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा मचाया। शून्यकाल में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में छात्र वैभव मिश्रा ने सरकार पर तीखा हमला किया। अपने भाषण में नेता प्रतिपक्ष ने सरकार की नाकामयाबियों को उजागर किया। सरकार पर विपक्ष की अनदेखी करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने ब्रेन-ड्रेन एक्ट बनाने का आग्रह सरकार से किया। इसके बाद प्रधानमंत्री की भूमिका में छात्र अभिषेक मिश्र ने सरकार की नीतियों पर प्रकाश डाला। सरकार की भविष्य की योजनाओं के संबंध में सदन को अवगत कराया। साथ विपक्ष के आरोपों का भी जवाब दिया। लेकिन प्रधानमंत्री के जवाब से भी विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ।

ध्वनि मत से तेलंगाना विधेयक पारित

युवा संसद में सरकार की ओर से नए राज्य तेलंगाना के गठन का प्रस्ताव रखा गया। इस मसले पर सदन में जमकर हंगामा हो गया। विपक्षी सांसद अध्यक्ष की आसंदी तक पहुंच गए। विपक्षी सांसदों ने जमकर नारेबाजी की और तेलंगाना के गठन का विरोध किया। अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद विपक्षी सांसद शांत हुए। तेलंगाना विधेयक पर मतदान कराया गया। आखिर में इसे ध्वनि मत से स्वीकार कर लिया गया।

लोकतंत्र सुरक्षित है: एलसी मोटवानी

युवा संसद की कार्रवाई को देखने के लिए संसदीय कार्य विभाग के अपर सचिव एलसी मोटवानी, अवर सचिव एमके राजौरिया, सरोजनी नायडू कन्या महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. एसके पारे, पं. कुंजीलाल दुबे राष्ट्रीय संसदीय विद्यापीठ के उप संचालक बीआर शर्मा मौजूद थे। विश्वविद्यालय की ओर से जनसंचार विभाग के अध्यक्ष संजय द्विवेदी भी इस दौरान मौजूद थे। युवा संसद की तैयारी में अतिथि विद्वान मयंक शेखर मिश्रा और प्रोडक्शन निदेशक आशीष जोशी का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इस मौके पर श्री मोटवानी ने कहा कि युवा संसद में युवाओं का उत्साह और ज्ञान देखकर सुकून है कि अभी भारत में लोकतंत्र सुरक्षित है। आने वाले समय में इसे जागरूक युवा और समृद्ध बनाएंगे। डॉ. पारे ने भी इस मौके पर अपने विचार प्रस्तुत किए।

इन्होंने निभाई युवा संसद में भूमिका

पूर्णिमा तिवारी (लोकसभा अध्यक्ष), आकाश देशमुख (महासचिव लोकसभा), हिमांशु शुक्ला (मार्शल), रूद्र प्रताप सिंह (रिपोर्टर), अभिषेक मिश्र (प्रधानमंत्री), अविनाश त्रिपाठी (गृहमंत्री), शिवानी जैन (वित्त मंत्री), शुभम द्विवेदी (कृषि मंत्री), दीपल सिंह भदौरिया (महिला एवं बाल विकास मंत्री), हितेश शर्मा (रक्षा मंत्री), वैभव शर्मा (खेल मंत्री), प्रियंका पाण्डेय (सांसद), दुर्गेश कुमार (सांसद), पुष्पेंद्र सिंह तोमर (सांसद), सूर्या त्रिपाठी (सांसद), विकास कुमार (नवनिर्वाचित सांसद), वैभव मिश्रा (नेता प्रतिपक्ष), आरजू स्निग्धा (सांसद), कविता भदौरिया (सांसद), रणधीर परमार (सांसद), पूर्णेंदु त्रिपाठी (सांसद), यतीश वाकणकर (सांसद), सुशांत शुक्ला (सांसद), कोमल बड़ोदकर (सांसद)।

 

प्रेस विज्ञप्ति, द्वारा, लोकेन्द्र सिंह। संपर्कः lokendra777@gmail.com

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