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ज़ी न्यूज़ ने जिंदल को दी तीन दिन की मोहलत, कहा: आरोप वापस लो या 150 करोड़ दो

कोयले की दलाली में 'हाथ और मुंह काला करने' के आरोपों से घिरे ज़ी न्यूज़ ने अब खुद को बेदाग साबित करने के लिए कानून का सहारा लिया है। ज़ी के न्यूज़ पोर्टल zeenews.india.com ने 'जनता के नाम श्वेत पत्र' टाइप एक लंबी सी रिपोर्ट छापी है जिसमें बताया गया है कि उन्होंने जिंदल को मानहानि का नोटिस भेजा है। खास बात ये है कि इस खबर में ज़ी न्यूज़ की तरफ से किसी अधिकारी या निदेशक का बयान नहीं छापा गया है। 

कोयले की दलाली में 'हाथ और मुंह काला करने' के आरोपों से घिरे ज़ी न्यूज़ ने अब खुद को बेदाग साबित करने के लिए कानून का सहारा लिया है। ज़ी के न्यूज़ पोर्टल zeenews.india.com ने 'जनता के नाम श्वेत पत्र' टाइप एक लंबी सी रिपोर्ट छापी है जिसमें बताया गया है कि उन्होंने जिंदल को मानहानि का नोटिस भेजा है। खास बात ये है कि इस खबर में ज़ी न्यूज़ की तरफ से किसी अधिकारी या निदेशक का बयान नहीं छापा गया है। 

रिपोर्ट के मुताबिक ज़ी न्यूज़ ने जिंदल को तीन दिनों के भीतर अपने आरोप वापस लेने को कहा है और ऐसा न करने पर 150 करोड़ की मानहानि का मुकद्दमा झेलने को तैयार रहने की चेतावनी दी है। आप भी पढ़िए और खुद तय कीजिए कि ज़ी के आरोप (या सफाई) में कितना दम है और किसका दामन कितना पाक-साफ है।
 
ज़ी न्यूज ने जिंदल को भेजा मानहानि का नोटिस
 
नई दिल्ली : नवीन जिंदल एवं जेएसपीएल की गत 25 अक्टूबर के संवाददाता सम्मेलन का कड़ा जवाब देते हुए ज़ी न्यूज ने शनिवार को नवीन जिंदल एवं जेएसपीएल को 150 करोड़ रुपए का मानहानि का नोटिस भेजा। जिंदल ने ज़ी न्यूज पर अपनी गलत छवि पेश करने का आरोप लगाया है। 
 
ज़ी न्यूज ने संवाददाता सम्मेलन में जिंदल द्वारा पेश छेड़छाड़ किए गए साक्ष्यों को पूरी तरह से खारिज करने के साथ ही इसकी निंदा की है। ज़ी न्यूज का मानना है कि टेलीविजन नेटवर्क की विश्वसनीय छवि खराब करने के लिए ऐसा जानबूझकर किया गया है। 
 
ज़ी न्यूज ने अपने खिलाफ लगे आधारहीन एवं मानहानि करने वाले सभी आरोपों को वापस लेने के लिए नवीन जिंदल को तीन दिन का समय दिया है। ज़ी न्यूज ने कहा है कि ऐसा न करने पर जिंदल को दीवानी एवं आपराधिक मामलों का सामना करना होगा।
 
कोलगेट घोटाला मामले में ज़ी न्यूज एक राजनीतिज्ञ एवं उद्योगपित के रूप में नवीन जिंदल के दोहरे चरित्र को उजागर करने में सबसे आगे रहा है। ज़ी न्यूज यह साफ तौर पर समझता है कि कोलगेट पर जारी लगातार कवरेज को रोकने के लिए उस पर आरोप लगाए गए हैं। कोलगेट पर ज़ी न्यूज की कवरेज रोकने के लिए जेएसपीएल की कॉरपोरेट कम्यूनिकेशंस टीम ने सबसे पहले समीर अहलूवालिया को 25 करोड़ रुपए की रिश्वत देने की कोशिश की जिसे समीर ने सिरे से खारिज कर दिया। 
 
समीर के रिश्वत लेने से इंकार किए जाने के बाद कोलगेट पर खबरों को रोकने के लिए जेएसपीएल ने 100 करोड़ रुपए के विज्ञापन करार की पेशकश की। 
 
ज़ी न्यूज बीते दिनों में कोलगेट घोटाले से जुड़ी सच्चाई को सामने लाता रहा है और आज भी ला रहा है। इसी क्रम में वह जिंदल एवं उनके अधिकारियों से कई बार सम्पर्क में आया। 
 
ज़ी न्यूज के मुताबिक, ‘‘हम जिंदल एवं जेएसपीएल पर ज़ी न्यूज का नाम बदनाम करने का आरोप लगाते हैं क्योंकि उन्होंने संपादित एवं छेड़छाड़ की गई सीडी के जरिए अपने पक्ष को रखा। जिंदल की ओर से पेश की गई सीडी में बातचीत के केवल चुनिंदा भाग दिखाए गए। जिंदल का इतिहास रहा है कि जो कोई भी सच्चाई के साथ उनका सामना करने का साहस दिखाता है, जिंदल गलत तरीके से उसे अपना निशाना बनाते हैं।’’ 
 
1.86 लाख करोड़ रुपए के कोलगेट घोटाले की सच्चाई सामने लाने वाले ज़ी न्यूज सहित अन्य मीडिया हाउसों का मुंह जिंदल द्वारा बंद कराया जा रहा है। जिंदल सच को गलत रूप में पेश कर रहे हैं और सच्चाई के रास्ते पर चलने वाले लोगों पर मानहानि का आरोप लगा रहे हैं। यहां तक कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने अपनी रिपोर्ट में कोलगेट घोटाला मामले में नवीन जिंदल को प्राथमिक लाभार्थी बताया है।
 
ज़ी न्यूज के अनुसार, हमारा मानना है कि नवीन जिंदल एवं उनके अधिकारियों ने अपनी पुलिस शिकायत में ज़ी न्यूज के खिलाफ ऐसे ही निराधार आरोप लगाए हैं और हम इसे कानून की सहज प्रक्रिया में एक बाधा के रूप में देखते हैं। जाहिर तौर पर, हम इसे अपने को बदनाम करने और इस सिलसिले में जांच को प्रभावित करने की एक कोशिश के रूप में देखते हैं। इसलिए, हमने नवीन जिंदल एवं जेएसपीएल को मानहानि का नोटिस भेजा है। 
 
जिंदल एवं जेएसपीएल ने ज़ी न्यूज को भटकाने के लिए जो चाल चली है उसमें समाचार चैनल नहीं फंसेगा और 1.86 लाख करोड़ रुपए के कोयला घोटाले की असली सच्चाई लोगों के सामने लाता रहेगा और अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब सच्ची खबरों से देगा। 
 
ज़ी न्यूज़ के अंग्रेजी पोर्टल में छपी खबर यूं है:
 
Zee News sends defamation notice of Rs 150 cr to Naveen Jindal

 
New Delhi: In a strong reply to Naveen Jindal and JSPL’S press conference on October 25, 2012 where he had alleged wrongdoing on the part of Zee News, Zee News Limited on Saturday has sent a defamation notice to the tune of Rs 150 crore against Mr Naveen Jindal and JSPL. 
 
Zee News has condemned and completely rejected the doctored evidence produced by Jindal. Zee News sees this as a deliberate attempt to malign the trustworthy Television Network. 
 
Zee News has granted a three-day time period to Mr Naveen Jindal to withdraw all his unsubstantiated and defamatory allegations against Zee News, failing which Mr Jindal would face civil and criminal actions initiated by Zee News. 
 
Zee News has always been the forerunner in exposing Naveen Jindal’s double standard as a politician and industrialist in Coalgate scam. Zee News clearly understands that it is to suppress the coverage that Zee News was telecasting on Coalgate, that the Corporate Communications team from JSPL first tried to bribe Samir Ahluwalia with Rs 25 cr, which he declined straightway, and later was offered a Rs 100 crore advertising deal to stop the coverage of Coalgate scam. 
 
Zee News today and in the past has always been in pursuit of seeking truth in the Coalgate scam, and has had several interactions with Jindal and his officials. We accuse Jindal and JSPL of maligning the name of Zee News since they chose to display an edited / doctored CD where only selected portions were shown. Mr Jindal has a history of unfairly targeting those who dare to confront him with the truth. 
 
Attempts by right thinking media houses including Zee News to bring out the truth in the Rs 1.86 lakh crore Coalgate scam are being muzzled by Mr Naveen Jindal by distorting the truth and defaming those on the righteous path. Even the CAG has listed Naveen Jindal promoted JSPL as the primary beneficiary in the Coalgate scam. 
 
We are of the view that similar false allegations have been made by Naveen Jindal and his officials against Zee News in a police complaint and we see it as subversion of the due process of law. Clearly, we see this as an attempt to prejudice and defame us and to overreach the investigation in this regard and have hence sent a defamation notice to JSPL and Mr Naveen Jindal. 
 
Zee News is undeterred by such diversionary tactics adopted by Jindal and JSPL and would stay focused on unraveling the ultimate truth in the Rs 1.86 lacs crore Coalgate scam and has only taken this route to counter the allegations made.


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zee jindal

 

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