आप बाइक से कहीं जा रहे हैं। आपकी बाइक से सड़क पर पड़ा कीचड़ का पानी उड़कर बगल में बैठे किसी व्यक्ति पर पड़ जाए और वह व्यक्ति आप पर चाकू से हमला कर दे तो आप क्या करेंगे? या तो आप रोएंगे-गाएंगे, बचाओ-बचाओ चिल्लाएंगे या फिर अपनी बाइक छोड़कर दाएं-बाएं भागते हुए छिपने की कोशिश करेंगे। या फिर हमलावर को सबक सिखाने के लिए उससे दो-दो हाथ करेंगे। और दो-दो हाथ करने में हमलावर की जान चली गई तो??? कुछ इन्हीं परिस्थितियों मे फंसकर पत्रकार नीरज दुबे गिरफ्तार किए जा चुके हैं। उन पर हत्या का आरोप है। उच्च शिक्षित तथा कानून के छात्र रहे नीरज वर्धा (नागपुर) में लोकमत समाचार के जिला प्रतिनिधि हैं। बंडू रघुनाथ चिमोटे की हत्या के मामले में वर्धा शहर की पुलिस का दावा है कि उसके पास नीरज दुबे के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। नीरज का कहना है कि रघुनाथ चिमोटे को किसने मारा, इसकी उन्हें जानकारी नहीं है। ज्ञात हो कि स्थानीय अंजना माता मंदिर परिसर में बंडू चिमोटे के साथ मारपीट की गई थी। दूसरे दिन सुबह अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गयी। वर्धा पुलिस इस मामले की जांच में काफी गोपनीयता बरत रही है। पुलिस का कहना है कि पत्रकार नीरज दुबे का उद्देश्य भले ही हत्या करना न रहा हो, लेकिन बंडू के साथ उसने ही मारपीट की। बताया जा रहा है कि सोमवार की शाम पत्रकार नीरज दुबे अपनी बहन के घर की ओर मोटरसाइकिल से जा रहे थे। धुनिवाले मठ के समीप स्टेट बैंक कालोनी मार्ग पर नीरज की मोटरसाइकिल से बंडू चिमोटे पर गड्ढे का पानी उड़ गया। इसे लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया। बंडू ने चाकू निकालकर दुबे की पीठ पर वार किया, जिससे पीठ की ओर की शर्ट भी फट गई।
इसकी जानकारी दुबे ने वर्धा शहर पुलिस को अपने सेलफोन से दी। इसके बाद बंडू वहां से चला गया। इस बीच दुबे को लगा कि एक गुंडे ने उन पर हमले का प्रयास किया है, इसलिए उसे सबक सिखाना चाहिए। बंडू की खोज में निकले दुबे को बंडू के अंजना माता मंदिर की ओर जाने की जानकारी मिली। दुबे बाइक से खोज में निकल पड़े। मार्ग में स्थित एक फर्नीचर की दुकान से लकड़ी का फट्टा ले लिया। हमलावर बंडू के अंजना माता मंदिर के पास दिखाई देने पर दुबे ने फट्टे से उसकी बेदम पिटाई कर डाली। लौटते समय दुबे ने पुनः अपने सेलफोन से वर्धा थाने में फोन किया। यह पूरा घटनाक्रम 15 मिनट में हुआ। इसी दौरान वर्धा थाने की पुलिस से दुबे का सामना हुआ। पुलिस दल द्वारा पूछताछ करने पर दुबे ने कहा कि वे हमलावर बंडू चिमोटे की तलाश कर रहे हैं। बाद में दुबे ने वर्धा थाने जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके आधार पर वर्धा पुलिस ने रात 11.30 बजे बंडू चिमोटे के खिलाफ 294, 506 के तहत मामला दर्ज किया। उधर बंडू चिमोटे रात भर घटनास्थल पर ही पड़ा रहा। सुबह नागरिकों को दिखाई देने पर उसे आटोरिक्शा में डालकर जिला अस्पताल ले जाया गया पर अस्पताल पहुंचते-पहुंचते उसकी मौत हो गयी। बंडू की मौत पर मंगलवार को वर्धा शहर थाने में आकस्मिक मृत्यु का मामला दर्ज किया गया। जिला अस्पताल से पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद वर्धा थाने में हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया। मृतक बंडू चिमोटे के भाई राजू चिमोटे ने अपनी रिपोर्ट में पत्रकार दुबे पर हत्या का संदेह जताया है। इसके आधार पर वर्धा शहर पुलिस ने बुधवार को दुबे को हिरासत में ले लिया। गिरफ्तारी से पूर्व उन्हें जिला अस्पताल में जांच के लिए भर्ती कराया गया। गुरुवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी। अब उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा। पुलिस का कहना है कि हत्याकांड के कई प्रत्यक्षदर्शी गवाह हैं। उधर, हत्या के मामले में एक पत्रकार के आरोपी बनने से समूचे वर्धा शहर के पत्रकार स्तब्ध हैं।