नई दुनिया के प्रधान संपादक आलोक मेहता को लेकर मीडिया जगत में आजकल कई तरह की अफवाह फैली हुई है। सबसे बड़ी अफवाह तो यही है कि वह नई दुनिया से जा रहे हैं। मतलब, इस्तीफा दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि वे राज्यसभा में जाने वाले हैं। वे और उनके लोग राज्यसभा की सदस्यता के लिए काफी दिनों से लगे हैं। सूत्रों का कहना है कि नई दुनिया प्रबंधन तक आलोक मेहता के राज्यसभा जाने की तैयारी करने की खबर काफी पहले पहुंच चुकी है। इसीलिए आलोक मेहता के जाने की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए विकल्प की तलाश भी शुरू कर दी। इस तलाश में प्रबंधन ने आलोक मेहता को विश्वास में ले रखा है। या यों कहा जाए कि आलोक मेहता ही प्रबंधन को विश्वास में लेकर सब कुछ कर रहे हैं, तो गलत नहीं होगा। सूत्रों के अनुसार नवभारत टाइम्स के एक्जीक्यूटिव एडिटर पद से इस्तीफा देकर नई दुनिया, दिल्ली में नेशनल एडिटर पद पर ज्वाइन करने जा रहे मधुसूदन आनंद की नियुक्ति यूं ही नहीं हैं। वे नई दुनिया के लिए आलोक मेहता के विकल्प के रूप में देखे जा रहे हैं। मधुसूदन आनंद और आलोक मेहता कई दशकों के मित्र हैं और कई जगहों पर साथ काम कर चुके हैं। इनकी दोस्ती ही है जो इन दोनों को फिर एक जगह लाकर मिला दिया। मधुसूदन आनंद की नियुक्ति में आलोक मेहता की अहम भूमिका है और सूत्रों का कहना है कि आलोक मेहता का राज्यसभा के लिए जाना जब पक्का हो जाएगा तो अखबार का सारा काम मधुसूदन आनंद को सौंप दिया जाएगा।
दोस्ती को लेकर जब मधुसूदन आनंद से भड़ास4मीडिया ने बात की उन्होंने कहा- हां, यह सच है, हम दोनों दोस्त हैं। हमारी दोस्ती काफी पुरानी है। 38 साल से हम लोग दोस्त हैं। हालांकि आलोक जी मध्य प्रदेश के हैं और मैं उत्तर प्रदेश का हूं लेकिन हम दोनों स्ट्रगल के दिनों से साथ हैं। रेडियो डायचेवेले (वायस आफ जर्मनी) में हम दोनों एडिटर थे। वहां तीन साल साथ ही रहे। नवभारत टाइम्स में हम दोनों साथ रहे।
मधुसूदन आनंद से जब पूछा गया कि क्या आलोक जी इस्तीफा देकर राज्यसभा जाने की तैयारी कर रहे हैं? इस सवाल पर उन्होंने तुरंत कहा- बिलकुल नहीं, मुझे ऐसी कोई सूचना नहीं है। अगर ऐसा कुछ होता तो आलोक जी मुझे जरूर बताते।
बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के बेहद करीब माने जाने वाले आलोक मेहता राष्ट्रपति की सिफारिश पर राज्यसाभा में जाने की तैयारी में है। राष्ट्रपति चुनाव के दौरान प्रतिभा पाटिल के पक्ष में आलोक मेहता का स्टैंड लेना जगजाहिर है। उस दौरान मीडिया का रुख कई वजहों से प्रतिभा पाटिल के खिलाफ था लेकिन आलोक मेहता ने कांग्रेस और उसके राष्ट्रपति पद प्रत्याशी के समर्थन में काफी कुछ किया। आलोक मेहता और नई दुनिया के मालिक अभय छजलानी, दोनों को ही पदमश्री सम्मान से नवाजा जा चुका है।
सूत्रों का कहना है कि आलोक मेहता की निष्ठा, पत्रकारिता का लंबा कार्यकाल और बहुमुखी काम को देखते हुए प्रतिभा पाटिल उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनीत करा सकती हैं। आलोक मेहता का राज्यसभा में जाना काफी हद तक तय माना जा रहा है। आलोक मेहता की राह के रोड़े दो वरिष्ठ पत्रकार हैं। वे भी राज्यसभा के लिए दावेदार हैं। इनकी भी पहुंच काफी उपर तक है। ये देश के मशहूर पत्रकारों में शुमार किए जाते हैं। ये दोनों हैं- वीर सिंघवी और राजदीप सरदेसाई। इन तीनों में से कौन राज्यसभा जाएगा, ये तो समय ही बताएगा पर मीडिया जगत में आजकल इन तीनों को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं।
इस्तीफे से संबंधित अफवाहों की पुष्टि के लिए भड़ास4मीडिया ने जब आलोक मेहता को फोन किया तो उन्होंने फोन नहीं रिसीव किया। हालांकि उनके नजदीकी लोग आलोक मेहता के इस्तीफे से इनकार कर रहे हैं लेकिन कई अपुष्ट सूत्रों का कहना है कि आलोक मेहता ने प्रबंधन को अपना इस्तीफा भेज दिया है।