अमर उजाला से मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में करियर शुरू करने वाले और 19 वर्षों में सात यूनिटों की यात्रा कर इन दिनों आगरा यूनिट में जनरल मैनेजर पद पर काम कर रहे श्रीश सिन्हा ने अपना त्यागपत्र प्रबंधन को भेज दिया है। श्रीश सिन्हा अपने 19 वर्षों के मीडिया के करियर में अमर उजाला के साथ ही बने रहे। वे अमर उजाला की यूनिटों- मेरठ, कानपुर, मुरादाबाद, वाराणसी, हल्द्वानी में विभिन्न पदों पर विभिन्न तरह के दायित्वों का निर्वाह कर चुके हैं। बेहद विनम्र और मिलनसार श्रीश सिन्हा से भड़ास4मीडिया ने इस्तीफे का कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि मैं खुशी-खुशी इस संस्थान से जा रहा हूं। फिलहाल रिलीव नहीं हुआ हूं। जब तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था प्रबंधन नहीं करता, मैं संस्थान के साथ जुड़ा हुआ हूं। जाने की वजह सिर्फ एक है। मैं अपना कोई काम शुरू करना चाहता हूं। जीवन के इस मुकाम पर साहस जुटाकर बड़ा फैसला लिया है।
कई बार लगता है कि आपके अंदर जो क्रिएटिविटी है, वो संपूर्णता के साथ बाहर नहीं आ पा रही है। कई बार लगता है कि जो कैनवास है, वो उतना व्यापक नहीं है जिसमें आप अपनी क्रिएटिविटी उडे़ल पा रहे हों। इसलिए अपना कैनवास क्रिएट करने का मन करता है जिसमें आप अपने मन मुताबिक रंग भर सकें। किसी आर्गेनाइजेशन के साथ काम करते हुए आपको उसकी लय और गति के साथ चलना होता है। आप चाह के भी अपने मन की नहीं कर पाते। आपको अनुशासित रहना होता है। संस्थान से हटकर कुछ नया करने का फैसला एक दिन का नहीं है। बहुत दिनों से सोच रहा था। साहस जुटा रहा था। अमर उजाला जैसे प्रोफेशनल संस्थान का भविष्य बहुत उज्जवल है। थोड़े बहुत संकट आते रहते हैं पर संस्थान की जो अंदर की ताकत होती है, वह बड़ी चीज होती है। अमर उजाला में आंतरिक ताकत और ऊर्जा बहुत है। मैंने जिस अमर उजाला के साथ 19 वर्ष गुजारे, उसके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं।