सम्मानित हुईं मृदुला गर्ग : पंकज राग और प्रियदर्शन ने ग्रहण किया स्पंदन पुरस्कार : साहित्यकारों को प्रतिरोध, प्रतिस्पर्धा और ईर्ष्या से दूर रहकर अपनी सृजनात्मकता को निखारने की कोशिश करना चाहिए। ये विचार वरिष्ठ रचनाकार गोविंद मिश्र ने स्पंदन सम्मान समारोह के मौके पर व्यक्त किए। भोपाल में दो दिवसीय आयोजन के पहले दिन खचाखच भरे भारत भवन के सभागार में ‘स्पंदन कथा शिखर सम्मान’ मृदुला गर्ग को गोविंद मिश्र ने प्रदान किया। इसके तहत उन्हें इकतीस हजार रुपये, स्मृति चिन्ह, शाल और श्रीफल भेंट किया गया।
पंकज राग को ‘यह भूमंडल की रात है’ पर ‘स्पंदन कृति पुरस्कार’, प्रियदर्शन को ‘उसके हिस्से का जादू’ के लिए स्पंदन कथा पुरस्कार, शंभु गुप्ता को आलोचना व आदित्य देव को स्पंदन चित्रकला पुरस्कार से नवाजा गया। इसके तहत इन लोगों को ग्यारह हजार रुपये, स्मृति चिन्ह, शाल और श्रीफल भेंट किया गया। पुरस्कार समिति की संयोजक कथा लेखिका डा. उर्मिला शिरीष ने संस्था की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि संस्था अगले साल से स्पंदन नृत्य, रंगमंच, रचनात्मक पत्रकारिता व सिने गीत लेखन के लिए ग्यारह-ग्यारह हजार के पुरस्कार प्रदान करेगी।
कार्यक्रम के दूसरे दिन स्वराज भवन में सम्मानित रचनाकारों ने रचना पाठ किया। इसकी अध्यक्षता वरिष्ठ आलोचक नंदकिशोर आचार्य ने की। दो दिन के इस कार्यक्रम में देश के दिग्गज रचनाकारों ने शिरकत की। इनमें मालनी जोशी, ज्ञान चतुर्वेदी, कमला प्रसाद, राजेश जोशी, हरीश पाठक, वंदना राग, संतोष चौबे, कुमार अंबुज, विजयदत्त श्रीधर, सुधीर मोता, स्वाति तिवारी, सुधीर रंजन सिंह, कमलेश पाठक, इंद्रप्रकाश कानूनगो, मुकेश वर्मा, मनोहर वर्मा, वीरेंद्र जैन, रामप्रकाश त्रिपाठी, गायत्री गौड़, इकबाल मजीद व मंजूर एहतेशाम जैसे दिग्गज रचनाकारों ने शिरकत की। इस मौके पर सम्मानित रचनाकारों की कृतियों पर गायत्री गौड़ की पेंटिंग का राजेश जोशी ने उदघाटन किया।