पूश्किन सम्‍मान पाने वाले पहले हिंदी गजलकार बने आलोक श्रीवास्‍तव

मॉस्को। ”तुम्हारे पास आता हूं, तो सांसें भीग जाती हैं / मुहब्बत इतनी मिलती है, कि आंखें भीग जाती हैं.” हिन्दी के जाने-माने कवि आलोक श्रीवास्तव ने अपनी यह पंक्तियां जब हिंदुस्तानियों की ओर से भारतीय साहित्य और संस्कृति के चहेते रूसियों को नज़्र कीं तो मॉस्को में आयोजित पूश्किन सम्मान समारोह में मौजूद लोगों की आंखें सचमुच भीग गईं. कार्यक्रम समाप्त हुआ तो इन पंक्तियों के साथ कई लोग देर तक भारत-रूस के पुराने-रिश्ते को याद करते रहे.

तुम्हारे पास आता हूं तो सांसे भीग जाती हैं

आलोक श्रीवास्‍तव‘वो लड़की जब भी मिलती है ये आंखें भीग जाती हैं।’ यह एक मिस्रा क्या हो गया, अज़ाब हो गया। नए-प्राचीन मित्रों तक, जिसे भी सुनाया, सबने बातें सुनाईं। एक बेबाक दोस्त तो यहां तक कह गए कि – ‘अब ऐसे मिस्रे सुनाएंगे.? अमां भीड़ में बह कर ऐसे कमज़ोर शेर कहने से बेहतर है वैसा कुछ कहो जिसके लिए थोड़े-बहुत जान लिए गए हो।’ अक़्ल रौशन हुई तो बात भी समझ में आ गई।

मेरी नज़्म और ‘जग जीत’ ने का हुनर

आलोक बात थोड़ी पुरानी हो गई है। लेकिन बात अगर तारीख़ बन जाए तो धुंधली कहाँ होती है। बात,1 दिसंबर 2009 की है। जगजीत जी यूएस में थे, वहीं से फ़ुनियाया- ‘आलोक, कश्मीर पर नज़्म लिखो। 9 दिसंबर को वहां शो है, गानी है।’ मैंने कहा- ‘मगर मैं तो कभी कश्मीर गया नहीं। हां, वहां के हालाते-हाज़िर ज़रूर ज़हन में हैं, उन पर कुछ लिखूं.?’ ‘नहीं कश्मीर की ख़ूबसूरती और वहां की ख़ुसूसियात पर लिखो, जिनकी वजह से कश्मीर धरती की जन्नत कहा जाता है। 4 दिसंबर को इंडिया आ रहा हूं तब तक लिख कर रखना। सुनूंगा।’ हुक्म जगजीत जी का था, तो ख़ुशी के मारे पांव ज़मीन पर नहीं पड़ रहे थे। मगर कांप भी रहे थे कि इस भरोसे पर खरा उतर भी पाऊंगा, या नहीं.? बहरहाल।

रमन सिंह के हम्‍माम में नेता पत्रकार सब नंगे…!

: मुख्‍यमंत्री स्‍वेच्‍छानुदान का सच : छत्‍तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री और राजनांदगांव के विधायक डा. रमन सिंह का पिछले कुछ सालों पहले लिया इंटरव्यू मुझे खूब याद आ रहा है। मुझे याद आ रहा है, उस वक्‍त डाक्‍टर साहब ने केन्‍द्र में मंत्री पद से इस्‍तीफा दिया था और छत्‍तीसगढ में ‘कोमा’ की हालत में आ चुकी पार्टी भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष का पद संभाला था। एक ‘डाक्‍टर’ के अध्‍यक्ष बनने के बाद कोमा में जा चुकी पार्टी में जान आने लगी और इसके बाद इस पार्टी ने प्रदेश में सरकार बनाई और यही डाक्‍टर सरकार का मुखिया बना।