साहित्य की चौर्य परंपरा मे एक नया नाम प्रसार भारती की सर्वेसर्वा मृणाल पांडे का भी जुड़ गया है। 26 अप्रैल के हिंदुस्तान के संपादकीय पृष्ठ पर सुभाषिनी अली ने मराठी से विष्णु भट्ट गोडसे वरसईकर कृत यात्रावृतांत के मराठी से हिंदी अनुवाद को मृंणाल पांडे का अदभुत कारनामा सिद्ध किया है। विद्वान लेखिका को शायद जानकारी नहीं है कि विष्णु भट्ट गोडसे की इस अत्यंत चर्चित पुस्तक का बरसों पहले कई विद्वान लेखकों ने अनुवाद कर दिया है जिनमें पं. अमृतलाल नागर भी शामिल हैं।